बगैर जीएसटी रजिस्ट्रेशन माल लेने व देने को तैयार नहीं हैं बड़े व्यापारी

20 लाख से कम बिजनेस वालों को रजिस्ट्रेशन की नहीं है जरूरत

ALLAHABAD: गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स यानी (जीएसटी) पूरे देश में लागू है। इसमें 20 लाख रुपये एनुअली टर्न ओवर वालों को ही जीएसटी नंबर लेना कंपलसरी है। लेकिन मुश्किल उनकी हो गई है जो 20 लाख से कम का बिजनेस करते हैं। बड़े कारोबारी इनसे बिना जीएसटी नंबर बिजनेस करने को तैयार नहीं हैं। अब इन्हें व्यापार बचाने के लिए उनकी मनमानी शर्तो पर कारोबार के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।

हो रहा उत्पीड़न का प्रयास

जीएसटी में रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म के तहत नियम है कि यदि कोई रजिस्टर्ड कारोबारी अनरजिस्टर्ड से कारोबार करता है तो उसे अनरजिस्टर्ड कारोबारी के बदले का जीएसटी चुकाना होगा। इसी का हवाला देकर बड़े कारोबारियों ने छोटे और अनरजिस्टर्ड व्यापारियों से नाता तोड़ना शुरू कर दिया है। अब वे छोटे कारोबारियों से या तो जीएसटी नंबर वाले बिल मांग रहे हैं या शर्त रख रहे हैं कि बिल से वे रिवर्स चार्ज के रूप में लगने वाला टैक्स का पैसा काटकर देंगे।

रिवर्स चार्ज के तहत अनरजिस्टर्ड से व्यापार पर टैक्स रजिस्टर्ड कारोबारी को देना होगा, लेकिन इसका क्रेडिट भी रजिस्टर्ड को ही मिलेगा। कुछ लोग इसका गलत फायदा लेने की कोशिश कर रहे हैं जो गलत है।

महेंद्र गोयल

प्रदेश अध्यक्ष, कैट

सिस्टम में बने रहने के लिए छोटे व्यापारी भी जीएसटी नंबर ले सकते हैं। पंजीकरण की प्रक्रिया आसान है। व्यापारी घर बैठे आनलाइन आवेदन करे, फिर विभाग स्वत: संज्ञान ले लेगा।

विवेक सिंह

डिप्टी कमिश्नर कॉमर्शियल टैक्स

रजिस्टर्ड दुकानदार अनरजिस्टर्ड को जीएसटी नंबर के लिए परेशान नहीं कर सकता। अनरजिस्टर्ड दुकानदार से माल या सेवा लेने पर रजिस्टर्ड को टैक्स देना होगा, बाद में उसे आईटीसी मिलेगी।

ऋषि राज कपूर

अधिवक्ता, हाईकोर्ट

सरकार ने 20 लाख से कम वालों को जीएसटी से छूट दी है। लेकिन बड़े व्यापारी छोटे व्यापारी को माल देने व लेने में जीएसटी नंबर मांग रहे हैं या टैक्स काटने की बात करते हैं।

संतोष पनामा

व्यापारी नेता

कराना ही होगा रजिस्ट्रेशन

सरकार ने भले 20 लाख से कम वालों को छूट दी हो, लेकिन बैंक के माध्यम से लेनदेन की शतर्ें आड़े आने लगी हैं। 50 हजार या इससे अधिक का माल खरीदने पर डीलर को जीएसटी नंबर देना ही होगा। लिहाजा इनकम टैक्स के सवालों से बचने और खुद को सुरक्षित करने के लिए थोक व्यापारी किसी एक व्यापारी को 50 हजार या इससे अधिक माल बेचने पर जीएसटी नंबर जरूर मांगेगा। इससे बचने के लिए छोटे व्यापारी को भी जीएसटी नंबर लेना होगा।

सुमित अग्रवाल

सीए