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- बीएसए ने जारी किए सभी स्कूलों को आदेश, एक मार्च तक ऑनलाइन होनी चाहिए अटेंडेंस

- टीचर्स ने बताई अपनी समस्या, बोले सिर्फ आदेश से काम नहीं होता

बरेली :

बेसिक स्कूलों में टीचर्स और बच्चों की मोबाइल एप के जरिए अटेंडेंस बढ़ाने के लिए शिक्षा विभाग लगातार कोशिशें कर रहा है। इसके लिए वेडनसडे को बीएसए ने स्कूलों को एक लेटर जारी किया है कि सभी स्कूल एक मार्च तक स्कूलों में ईको अटेंडेंस नाम की एप्लीकेशन के माध्यम से स्टूडेंट्स की अटेंडेंस लेना शुरू कर दें और वो 100 परसेंट होनी चाहिए, लेकिन टीचर्स ने इसे लेकर विरोध शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि कई टीचर्स ऐसे हैं जिनके पास स्मार्ट फोन ही नहीं है, बिना स्मार्ट फोन कैसे एप्लीकेशन डाउनलोड होगी और कैसे अटेंडेंस ली जाएगी।

एप्लीकेशन नहीं हो रही डाउनलोड

जिन टीचर्स के पास स्मार्ट फोन हैं, उनके साथ कई समस्याएं आ रही हैं। जसौली प्राथमिक विद्यालय के हेडमास्टर हरीश बाबू शर्मा का कहना है कि जिन लोगों के पास खुद का स्मार्ट फोन भी है उनमें ज्यादातर के मोबाइल पर एप्लीकेशन डाउनलोड नहीं हो रही है। बिना एप्लीकेशन तो कुछ नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि जिन स्कूलों में सिर्फ एक टीचर है, सबसे अधिक समस्या उनको है क्योंकि बीएसए का एक यह भी आदेश है कि एप्लीकेशन में अटेंडेंस लगाने के साथ ही उसकी सॉफ्ट कॉपी भी बनानी है। क्या टीचर पूरे दिन इसी में लगा रहेगा।

फोन है तो नेटवर्क नहीं

नबावगंज की प्रभारी हेडमास्टर रीता का कहना है कि ग्रामीण इलाके के स्कूलों में यह बिल्कुल भी आसान नहीं है क्योंकि कई इलाके ऐसे हैं जहां मोबाइल नेटवर्क ही नहीं है, बिना नेटवर्क कैसे काम हो सकता है। उन्होने कहा कि उनके खुद के स्कूल में नेटवर्क नहीं आते हैं। यदि एक फोन कॉल भी करना हो तो उन्हे पूरे स्कूल में घूमना पड़ता है। फिर एप्लीकेशन से कैसे 100 परसेंट अटेंडेंस हो सकती है।

सीएल, एमएल भरना मुश्किल

मीरगंज के प्राथमिक स्कूल बहरोली फ‌र्स्ट के हेडमास्टर अरुण ने कहा कि अधिकारियों ने सिर्फ फरमान जारी कर दिया, उन्हें इस बात का बिल्कुल भी अंदाज नहीं है कि इससे टीचर्स को क्या-क्या दिक्कतें आ रही हैं। न तो एप्लीकेशन मे यह बताया गया है कि यदि टीचर सीएल या मेडिकल लीव पर है तो क्या फीड करें, न उसमें यह बताया गया है कि यदि कोई टीचर ट्रेनिंग पर है तो क्या फीड करे।

कैसे करती है एप्लीकेशन काम

एप्लीकेशन को डाउनलोड करने के बाद सबसे पहले उसमे यह डालना होगा कि स्कूल प्राथमिक है या जूनियर, फिर उसमें ब्लॉक डालना होगा। इसके बाद स्कूल की डिटेल ओपन हो जाएगी। फिर उसमें बच्चों के नाम और टीचर्स की संख्या डाली है। इसके बाद जब सुबह टीचर स्कूल में पहुंचेगें तो एप्लीकेशन उनकी लोकेशन को ऑटोमेटिकली ले लेगी। जब टीचर एप्लीकेशन को ओपन करेगा तो उसमें सभी बच्चों को प्रजेंट दिखाया जाएगा, जो बच्चा अबसेंट होगा उसे टिक करना होगा। ठीक इसी तरह से टीचर्स की अटेंडेंस भी लगानी होगी।

टीचर्स को कई समस्याएं आ रही है। इस बात की जानकारी मुझे है। एप्लीकेशन डाउनलोड भी नहीं हो रही है इसकी भी शिकायत आई थी। सर्वर की कमी के कारण यह सब हो रहा है। जल्द ही इसे ठीक कर दिया जाएगा।

अनिल चौबे, एबीआरसी