- एक्स वीसी प्रो। बीएन पांडेय ने की थी इनकी अप्वाइंटमेंट

- इन्हें न कोई सैलरी मिलती है और ना ही यूनिवर्सिटी इन्हें स्टाफ मानती है।

PATNA: मगध यूनिवर्सिटी में बहुत सी चीजें राम भरोसे हीं चल रही है। यह इकलौती ऐसी यूनिवर्सिटी है, जहां बिना सैलरी के भी स्टाफ काम करते है। एमयू के पटना ब्रांच ऑफिस के फ्ख् से अधिक स्टाफ की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। चार सालों से ये लोग हर दिन ऑफिस आते है और काम करके घर जाते है, लेकिन बदले में इन्हें न कोई मेहनताना मिलता है और ना ही यूनिवर्सिटी इन्हें स्टाफ मानने को तैयार है। आज जिन लोगों को स्टाफ मानने से भी इंकार किया जा रहा है उन लोगों को एक्स वीसी प्रो। बीएन पांडेय ने इनकी अप्वाइंट किया था। स्टाफ बताते है कि वे इसी आस में काम कर रहे है कि किसी दिन उन्हें एमयू के स्टाफ के रूप में मान्यता दे दी जाएगी और उन की सैलरी भी मिलने लगेगी।

फाउंडेशन ब्रांच में फाइल है मौजूद

स्टाफ संजीव कुमार बताते है कि जब पटना ब्रांच ऑफिस में गवर्नर आये थे तो उन्होंने इस मामले पर विचार करने का भरोसा दिलाया था। लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि हमलोगों की फाइल फाउंडेशन ब्रांच में मौजूद है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर वे एमयू के स्टाफ नहीं है तो आखिर विवि उनसे कैसे काम ले रही है?

विधान परिषद् में भी उठा मामला

स्टाफ राज कुमार बताते है कि ख्7 मार्च ख्0क्ख् को बिहार विधान परिषद् में भी यह सवाल उठा था और समय तत्कालीन मिनिस्टर द्वारा अलॉटेड पदों पर अप्वाइंटमेंट करने की बात कही गई थी। उन्होंने बताया कि एमयू शाखा ऑफिस में क्ब् पद आवंटित है जो खाली है। स्टाफ द्वारा इन पदों पर बहाली की मांग की जा रही है और बाकी बचे स्टाफों के लिए सीट आवंटन कर उन्हें समायोजित करने की मांग है। राज कुमार बताते है कि एमयू शाखा ऑफिस में इतना काम है कि ख्ख् स्टाफों को मिला लें तब भी स्टाफों की भारी कमी है। अगर ये स्टाफ काम ना करें तो शाखा ऑफिस को चलाना काफी मुश्किल होगा। शाखा ऑफिस द्वारा दी भी विवि से कई बार लिखित रूप से स्टाफों की मांग की गई है।

ख्009 से ही यहां कर रहे हैं काम

ये स्टाफ ख्009 से ही यहां काम कर रहे है। जबकि मैं यहां ख्0क्क् में आया। यह व्यवस्था पहले से ही चल रही थी। फ्ख् स्टाफ थे, जिसमें से अब ख्ख् ही बचे है। मामला विवि मुख्यालय से जुड़ा है। मैं इसमें कोई निर्णय नहीं ले सकता। इस संबंध में विवि मुख्यालय को ही निर्णय लेना है। विवि का जैसा निर्देश होगा यह शाखा ऑफिस को मान्य होगा।

मनोज कुमार, शाखा इंचार्ज

मैने इनका रिकॉर्ड विवि में चेक करवाया। लेकिन विवि में इनके संबंध में कोई रिकार्ड नहीं है। यहां न उनकी नियुक्ति है और न ही एलॉटमेंट । इनकी नियुक्ति कैसे और किन स्थितियों में हुई, कहना मुश्किल है। वैसे इन स्टाफों को पूरे दस्तावेज के साथ मिलने को कहा गया है। इसके बाद ही इस संदर्भ में कुछ निर्णय लिया जाएगा।

एमयू प्रो। वीसी कृतेश्वर प्रसाद