RANCHI: महज एक यूआईडी कार्ड नहीं होने से अनगड़ा की लड़की चार माह तक बेंगलुरू में फंसी रही। बुधवार को बेंगलुरू पुलिस ने उसे रांची पहुंचाया। यहां पहुंचने के बाद पूनम कुमारी अब प्रेमाश्रय में है, जहां से उसके परिजनों को सूचित कर दिया गया है। साथ ही साथ इसकी सूचना पुलिस को भी दे दी गई है।

ऐसे पहुंची बेंगलुरू

पूनम के मुताबिक, चार माह पहले उसे उसके गांव की ही एक आंटी और उसकी बेटी घुमाने के बहाने बेंगलुरू ले गई थीं। लेकिन, बेंगलुरू स्टेशन पर ही उसे पुलिस वालों ने अपने कब्जे में कर लिया। वहीं, जिस आंटी और उसकी बेटी के साथ वह जा रही थी, उन्हें यूआईडी दिखाने के बाद पुलिस ने छोड़ दिया। लेकिन, पूनम के पास यूआईडी नहीं होने के कारण पुलिस उसे वहीं रोक ली और शेल्टर होम भेज दिया। यहां काउंसिलिंग के बाद उसने अपने पिता और गांव का नाम बताया, तब बेंगलुरू पुलिस ने उसे रांची लाकर प्रेमाश्रय के हवाले कर दिया है।

जयपुर से पहुंची बानो की मार्था भेंगरा

सिमडेगा के बानो की रहनेवाली मार्था भेंगरा को भी जयपुर पुलिस ने रांची पहुंचा दिया है। मार्था भेंगरा को काम कराने के लिए दलालों द्वारा जयपुर ले जाया गया था, जहां उसे वहां की पुलिस ने रेस्क्यू किया। इसके बाद उसे शेल्टर होम में रखा गया। यहां कुछ दिनों तक रखने के बाद काउंसिलिंग की गई, तब उसने अपने गांव का नाम बताया। नाम पता जानने के बाद पुलिस उसे भी रांची ले आई। फिलहाल, वह भी प्रेमाश्रय में रह रही है।