Singham बनने का था शौक

जीआरपी पुलिस द्वारा हुई पूछताछ में कहा कि  उसे स्टूडेंट लाइफ से ही आईपीएस बनने और उनकी तरह वर्दी पहनकर लोगों के बीच रौब झाडऩे का शौक था। इसलिए जब भी वह सफर  करता था, तो वह वर्दी पहनकर ही सफर  करता था, ताकि दूसरे पैसेंजर्स व लोगों में वह सेंटर ऑफ अट्रैक्शन बना रहे.  पर, उसे पता नहीं था कि आईपीएस की वर्दी अलग होती है और दारोगा की वर्दी अलग। उसने जो जूते पहन रखे थे, वैसे जूते न तो दारोगा पहनते हैं और न ही आईपीएस ऑफिसर्स। इसी चूक की वजह से वह फंस गया। 28 वर्षीय राकेश कुमार सिंह सेल डोरंडा में डिप्टी मैनेजर रवींद्र सिंह का बेटा है। आरपीएफ के चंगुल में फंसे बेटे को बचाने के लिए रवींद्र सिंह ने कहा कि राकेश की मानसिक हालत ठीक नहीं है और रिनपास में उसका इलाज चल रहा है। पर, जब आरपीएफ ने मानसिक रोग के इलाज से जुड़े कागजात पेश करने के लिए कहा, तो वे कागजात पेश नहीं कर पाए।

पुलिस कर रही है जांच

गौरतलब है कि आरपीएफ ने राकेश के पास से अशोक स्तंभ लगा बैज, आईपीएस की वर्दी, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) का फर्जी आई-कार्ड, बेल्ट, चार मोबाइल, नकली पिस्टल, पैन कार्ड, पेन ड्राइव, एटीएम कार्ड आदि बरामद किए हैं। जीआरपी पुलिस ने उसके पेन ड्राइव को खोलकर देखा, तो उसमें कई आपत्तिजनक चीजें मिलीं, जिनकी जीआरपी पुलिस जांच कर रही है.  जीआरपी पुलिस ने सरकारी अफसरों की नकल करने और जालसाजी करने के आरोप में राकेश कुमार सिंह को जेल भेज दिया है। अब पुलिस

उसके बारे में फर्दर इनफॉर्मेशन कलेक्ट ने में जुट गई है।