कतर से दूसरी महिला के साथ पहुंची थी तुर्की
यह घटना हालांकि दो माह पहले की है. हैदराबाद के पुलिस आयुक्त एम महेंदर रेड्डी ने संवाददाताओं को यहां बताया कि ऐसी सूचना है कि हैदराबाद शहर की रहने वाली एक किशोरी जो पिछले 10 साल से कतर में रहती थी अपने अपार्टमेंट में रहने वाली एक अन्य महिला के प्रभाव में आकर आईएस में शामिल होने जा रही थी. दोनों तुर्की तक गई थीं. वहां पहुंचकर इस किशोरी का इरादा बदल गया और भारत लौट आई. यह पूछने पर कि क्या शहर की पुलिस ने उसे सलाह दी थी? जवाब में पुलिस आयुक्त ने कहा कि यह घटना दो माह पहले की है. हम लोग उसे भारत नहीं लाए वह खुद भारत लौटी है.

 

हैदराबाद में रहते हैं उसके माता-पिता
खुफिया विभाग से जुड़े एक अन्य पुलिस अधिकारी ने कहा कि उसके माता-पिता यहां रहते हैं. जब वह इराक नहीं जा सकी और वहां के हालात देखी तो तो यहां लौट आई.

 

आतंकी प्रशिक्षण लेने की जानकारी नहीं
मीडिया की उन खबरों पर जिनमें कहा गया था कि हैदराबाद से एक महिला आइएस में शामिल होने गई थी. वहां आतंकी गुट से प्रशिक्षण ली थी पुलिस आयुक्त ने कहा कि हमारे पास ऐसी कोई सूचना नहीं है. यह सच नहीं है कि वह आइएस में शामिल हो गई थी और प्रशिक्षण लिया था. पिछले साल हैदराबाद पुलिस ने शहर के छह युवकों को गुट का खुलासा किया था जो कथित रूप से सोशल नेटवर्किंग साइट पर आइएस के प्रचार से प्रभावित होकर उसमें शामिल होने की कोशिश कर रहे थे. इनमें एक गूगल का पूर्व कर्मचारी भी था.


पुलिस कर रही सभी सोशल नेटवर्किंग साइटों की स्कैनिंग
पुलिस आयुक्त ने कहा, यहां हमलोग हैदराबाद में वास्तव में सभी सोशल नेटवर्किंग साइट्स को स्कैन कर रहे हैं. जो भी इन साइटों पर आइएस के प्रचार वाली सामग्री के संपर्क में मिल रहा है हम उनसे संपर्क कर रहे हैं और उनके माता-पिता को उनके बारे में बता रहे हैं. अब तक हम सफल रहे हैं. यदि कोई लक्ष्मण रेखा पार करने की कोशिश करेगा तो निश्चित रूप से कानून अपना काम करेगा.


तीन भारतीयों को बेंगलुरु भेजा

तुर्की प्रशासन ने शनिवार को कुल नौ भारतीयों को तुर्की और सीरिया की सीमा से हिरासत में लेकर बेंगलूर भेजा. ये लोग सीमा पार कर सीरिया जाने की कोशिश कर रहे थे. इनमें चेन्नई निवासी मुहम्मद अब्दुल अहद (46) और उसका परिवार भी (पत्नी और पांच बच्चे) है. अहद अमेरिका के कैलीफोर्निया स्थित कैनेडी-वेस्टर्न यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस में मास्टर डिग्रीधारी है और दस साल से अधिक दिनों तक अमेरिका में काम कर चुका है.


24 दिसंबर को बेंगलुरु से इस्तांबुल पहुंचे

तेलंगाना के खम्मम जिले के निवासी जावेद बाबा और हासन जिले के इब्राहिम नोफाल शामिल हैं. ये सभी लोग पर्यटक वीजा पर पिछले साल 24 दिसंबर को बेंगलुरु से इस्तांबुल पहुंचे थे. इन्हें गत 30 जनवरी को तुर्की के अधिकारियों ने वापस भेज दिया. जावीद और नोफाल भी इंजीनियरिंग डिग्रीधारी हैं. यहां बेंगलुरु हवाई अड्डे पर पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों ने इन सभी से उन परिस्थितियों और वहां जाने के मकसद के बारे में पूछताछ की जिसके लिए वे तुर्की होकर सीरिया जा रहे थे.

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Courtesy : dainik jagran

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