- ब्लैक स्पॉट एरिया में लाइटिंग व पिंक टॉयलेट का होगा निर्माण

- नगर निगम, पुलिस और एलडीए संयुक्त रूप से उठाएंगे कदम

LUCKNOW

आखिरकार लंबे इंतजार के बाद शहर को वीमेन फ्रेंडली सिटी बनाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। खास बात यह है कि वीमेन फ्रेंडली सिटी बनाने के लिए निर्भया फंड का इस्तेमाल किया जाएगा। नगर निगम, पुलिस और एलडीए मिलकर इस दिशा में कदम आगे बढ़ाएंगे। निगम की ओर से महिलाओं की सुविधा और सुरक्षा के मद्देनजर प्रस्ताव तैयार कराने का काम शुरू कर दिया गया है। प्रस्ताव तैयार होने के बाद इन्हें केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा। जहां से प्रस्तावों के आधार पर फंड रिलीज किया जाएगा।

सब कुछ महिलाओं के पास

वीमेन फ्रेंडली सिटी में मुख्य रूप से महिलाओं के लिए पिंक टॉयलेट का निर्माण कराया जाएगा। इनकी सुरक्षा से लेकर सफाई व्यवस्था की जिम्मेदारी भी महिलाओं के पास होगी। जो प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है, उससे साफ है कि शहर के कई इलाकों में पिंक टॉयलेट का निर्माण कराया जाएगा।

यहां बनेंगे पिंक टॉयलेट

1090 चौराहा, जनपथ मार्केट, हजरतगंज, टेढ़ीपुलिया, आशियाना, खजाना चौराहा, पीजीआई, अमीनाबाद, कैसरबाग, राजाजीपुरम, चारबाग बस अड्डा, चंदर नगर, नाका हिंडोला, चौक, केजीएमयू, बड़ा इमामबाड़ा, बुद्धेश्वर, फन मॉल, भूतनाथ, राजकीय पॉलीटेक्निक, मीना मार्केट, इस्माइलगंज पुलिस चौकी, कपूरथला, मुंशीपुलिया, महानगर, रवींद्रालय, गोल मार्केट, आम्रपाली मार्केट, लेखराज बाजार, डंडइया बाजार, निशातगंज, पत्रकारपुरम, अमौसी, सदर, हनुमान सेतु, पुरनिया, मिठाईवाला चौराहा, त्रिवेणी नगर चौराहा, ऐशबाग रेलवे स्टेशन, डालीगंज रेलवे स्टेशन, चिनहट बाजार, बंगला बाजार और इंजीनियरिंग कॉलेज चौराहा शामिल हैं।

चेंजिंग रूम व सीसीटीवी

जानकारी के अनुसार, पिंक टॉयलेट के आसपास ही चेजिंग रूम का भी निर्माण कराया जाएगा। जब तक पिंक टॉयलेट का निर्माण नहीं होता, तब तक वैकल्पिक व्यवस्था तलाशी जाएगी। प्रस्ताव इसी तरह से तैयार कराए जा रहे हैं कि पिक टॉयलेट के आसपास ही सेनेटरी नैपकिन मशीन और ब्रेस्ट फीडिंग सेंटर भी उपलब्ध हों। जिससे महिलाओं को किसी भी तरह की परेशानी न हो। इसके साथ ही ऐसे स्थानों पर लाइटिंग की व्यवस्था भी कराई जाएगी, जो स्थान ब्लैक स्पॉट हैं।

ये है निर्भया फंड

केंद्र की ओर से वर्ष 2013 में निर्भया फंड बनाया गया था। वर्ष 2017 में निर्भया की मां ने आरोप लगाए थे कि सरकार इस पैसे का दुरुपयोग कर रही है। तीन हजार करोड़ के कोष में कुल 400 करोड़ ही खर्च हुए थे। सुप्रीम कोर्ट ने भी जनवरी 2018 में सुनवाई के दौरान सरकार से पूछा था कि कितना खर्च हुआ है।

महिलाओं की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए हमारी ओर से प्रस्ताव तैयार कराए जा रहे हैं। इन प्रस्तावों को केंद्र सरकार के पास भेजा जाएगा। निर्भया फंड से धनराशि रिलीज होते ही कार्य शुरू करा दिए जाएंगे।

एसके जैन, प्रोजेक्ट मैनेजर, नगर निगम