-भेलूपुर में मां ने बेटी से झगड़े के बाद खुद को किया आग के हवाले, बेटी का भी पकड़ लिया हाथ

-दोनों को बचाने पहुंची एक अन्य युवती भी झुलसी, मां ने तोड़ा दम, अन्य की हालत नाजुक

VARANASI: इतना गुस्सा भी किस काम का जो एक मां ने अपने साथ अपनी औलाद के लिए भी मौत का रास्ता चून लिया। गुस्सा ही था तो बेटी को दो थप्पड़ जड़ देती क्या जरूरत थी खुद के साथ बेटी को मौत के मुंह में ढकेलने की। ये दर्दनाक घटना शुक्रवार को भेलूपुर के सरायनंदन इलाके में घटी। यहां दोपहर बाद बेटी से झगड़ने के बाद एक मां ने अपने ऊपर मिट्टी का तेल उड़ेलकर आग लगा लिया। ये देख बेटी ने भागने का प्रयास किया लेकिन मां ने उसे भी पकड़ लिया। जिसके कारण दोनों मां बेटी बुरी तरह से झुलस गई। इस दौरान मां बेटी की चीख पुकार सुन नीचे के फ्लोर पर किराये पर रहने वाली एक युवती इनको बचाने पहुंची लेकिन वह भी लपटों की चपेट में आ गई। जिसके बाद तीनों को मंडलीय हॉस्पिटल पहुंचाया गया। जहां कुछ देर बाद झुलसी महिला ने दम तोड़ दिया जबकि उसकी बेटी और युवती की हालत नाजुक बनी हुई है।

छुड़ाकर भागी हाथ

सरायनंदन में रामजी साव के मकान में ललिता देवी (ब्0 वर्ष) अपनी बेटी पूजा सिंह (क्ब् वर्ष) के साथ किराये पर रह रही थी। नीचे के फ्लोर पर गुडि़या सिंह (फ्0 वर्ष) अपनी फैमिली के साथ रहती हैं। शुक्रवार की दोपहर ललिता किसी बात पर बेटी पूजा को डांट रही थी। जिसके बाद मां बेटी में विवाद शुरू हो गया। बात बढ़ते बढ़ते यहां तक पहुंच गई कि गुस्साई ललिता ने कमरे में गैलन में रखा मिट्टी का तेल उठाया और खुद पर उड़ेलने के बाद बेटी पर भी डाल दिया। इसके बाद उसने अपनी बॉडी में आग लगा लिया। इस बीच बेटी मां का हाथ छुड़ाकर भाग निकली।

लौटकर आई वापस

ये कदम उठाने के बाद ललिता आग की लपटों में घिर गई। इस पर बेटी पूजा दौड़ती हुई मां के पास पहुंची तो मां ने उसे भी पकड़ लिया जिससे वह भी आग की चपेट में आ गई। इस बीच बीच मां बेटी की चीख सुन इलाके के लोग दौड़ पड़े। उसी घर में किराये पर रहने वाली गुडि़या भी भागती हुई पहुंची और दोनों मां बेटी को बचाने के लिए कमरे में घुस गई। इस दौरान वह भी आग की चपेट में आ गई। इस पर लोगों ने पानी फेंककर आग को काबू में किया और तीनों को लेकर मंडलीय हॉस्पिटल पहुंचे। जहां ललिता ने दम तोड़ दिया। जबकि पूजा और गुडि़या की हालत सीरियस बताई गई।

गृहस्थी भी हो गई खाक

ललिता ने अपने कमरे में ही खुद को आग लगाई थी। जिससे कमरे में रखे सामान भी आग की चपेट में आ गए। मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड ने आग पर काबू पाया लेकिन तब तक पूरी गृहस्थी जलकर खाक हो चुकी थी।

बच भी गई तो किस काम की जिंदगी?

ललिता तो दुनिया से चली गई लेकिन बेटी अब भी मौत से लड़ रही है। इस घटना के बाद एक सवाल ये भी उठ रहा है कि पूजा अगर इस जंग में जीत भी गई तो उसकी जिंदगी किस काम की। भ्0 परसेंट से अधिक जली इस मासूम को संभालने वाला भी अब कोई नहीं है। पिता चन्द्रशेखर की भी चार साल पहले ही मौत हो चुकी है। ऐसे में मां के इस स्टेप के बाद क्लास सिक्स में पढ़ने वाली इस बच्ची की जिंदगी मुश्किल में आ फंसी है।

आर्थिक तंगी हो सकती है वजह

ललिता ने ये कदम क्यों उठाया इस बारे में पड़ोस के लोग मां बेटी के बीच हुए झगड़े को इसकी वजह मान रहे हैं लेकिन ललिता के कुछ करीबियों की मानें तो उसकी माली हालत बहुत अच्छी नहीं थी। पति की मौत के बाद घर का खर्च उठाना मुश्किल था। वहीं ललिता के भाई जय सिंह घटना से सकते में हैं।