अधिकारियों पर लगाए आरोप
रूबी ने मीडिया के सामने आकर अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को खारिज किया. रूबी ने कहा कि अगर मैंने कुछ गलत किया है तो मुझे जेल भेज दें. मैंने सिर्फ इतना गलत किया है कि मैंने पांच लाख रुपये दिए. लेकिन मुझे इस मुद्दे पर चुप रहने के लिए अब पांच करोड़ रुपए ऑफर किया जा रहा है. रूबी ने सभी आरोप को झूठा बताते हुए लाल बहादुर अकादमी के प्रशासन पर ऊंगली उठाई है. उन्होंने एक उच्च अधिकारी पर आरोप लगाते हुए कहा कि मैं उनके माध्यम से अकादमी में आई थी और मैंने कुछ गलत नहीं किया है.

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20 लाख में तय हुआ था सौदा
रूबी ने कहा कि जुलाई 2014 में दिल्ली के विज्ञान भवन में केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार के पीए ने मुझे सौरभ जैन नाम के आइएएस अधिकारी से मिलावाया था. सौरभ जैन इस समय लाल बहादुर शास्त्री अकादमी में डिप्टी डायरेक्टर पद पर कार्यरत हैं. उन्होंने बताया कि सौरभ ने लाल बहादुर शास्त्री अकादमी में लाइब्रेरियन बनाने का आश्वासन दिया था. उन्होंने कहा कि यह सौदा 20 लाख रुपये में तय हुआ था. अधिकारी ने ही फर्जी आइ-कार्ड उपलब्ध कराया था. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि 27 मार्च को रूम को सील किया तो तभी क्यों नहीं मुकदमा कराया.

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