कॉल-एक

हैलो कंट्रोम रूम मैडम, आग लगी है। कहां पर? मेरे दिल में। इससे जल्दी बुझाओ।

कॉल- दो

हैलो कंट्रोल रूम मैडम, आपकी आवाज बहुत प्यारी है। क्या कर रही हो। मुझसे बात करती रहो।

खौफ हुआ खत्म

जिस प्रकार कंट्रोल रूम में युवा इस प्रकार महिला पुलिस कर्मियों से छेड़छाड़ करते हैं। इससे ऐसा लगता है कि मानो पुलिस प्रशासन का खौफ इन युवाओं में जरा भी नहीं है। सरकारी सिस्टम को ठेंगा दिखाते हुए कानून हाथ में ले रहे हैं। ये पुलिस प्रशासन के लिए बड़ी निराशा की बात है कि खाकी का शहर की नई पीढ़ी में कोई खौफ नहीं दिख रहा है।

रात में नहीं लगती डयूटी

कंट्रोल रूम में पहले रात को भी महिला पुलिस कर्मी तैनात रहती थीं और सौ नंबर पर आने वाली सभी सूचनाओं को सुनती थीं, लेकिन अक्सर रात को शराबी फोन करके महिला पुलिस कर्मियों के साथ फोन पर छेड़छाड़ करते थे। यही कारण है कि अब रात में महिला पुलिस कर्मियों की डयूटी नहीं लगाई जाती। अब दिन में ही महिला पुलिस कर्मी की ड्यूटी लगती है, लेकिन दिन में भी छेड़छाड़ की घटनाएं नहीं थम रही है।

कंट्रोल रूम में 13

शहरवासियों की शिकायत सुनने के लिए 13 महिला पुलिस कर्मी की ड्यूटी कंट्रोल रूम में लगाई जाती है। खास बात ये है कि सुबह और दोपहर दोनो शिफ्ट में डयूटी करने वाली सभी महिला कर्मियों को दो कॉल युवाओं की सुननी पड़ती है जो केवल पुलिस कर्मियों के साथ उल्टी-सीधी बात करते हैं। सभी कर्मी इन कॉल से परेशान रहती है।

फर्जी आईडी

छेड़खानी भी कर दे और अपनी गर्दन भी न फंसे। मनचले इतने तेज हैैं कि वे जब भी कंट्रोल रूम को फोन करते हैैं तो फर्जी आईडी के नंबर से करते हैं, जिससे पुलिस उन तक न पहुंच सके। पुलिस के लिए ये युवा लगातार चुनौती बनते जा रहे है।

नहीं करते कार्रवाई

पुलिस प्रशासन चाहे तो अपनी ओर से इन युवाओं पर कार्रवाई कर सकता है जो महिला पुलिस कर्मियों को परेशान कर रहे हैैं, लेकिन पुलिस कर्मी कार्रवाई से बचती है। महिला पुलिस कर्मी कहती हैैं कि आज उनकी तैनाती मेरठ में है, कल किसी दूसरे जिले में हो गई तो कौन बार-बार न्यायालय में इतनी दूर से आएगा। इसलिए ये छेड़खानी करने वाले बच जाते है।

नो हेल्प फॉर पब्लिक

जब पुलिस कंट्रोल रूम पर छेड़छाड़ करने वाले युवाओं पर कोई कार्रवाई नहीं कर पा रही है तो सवाल उठता है कि जनता की क्या मदद करती होगी? मानो किसी लड़की ने कंट्रोल रूम पर फोन कर छेड़खानी की सूचना दी। जिस नंबर से युवती परेशान है, वो नंबर भी पुलिस को दिया। मगर इसके बावजूद पुलिस कार्रवाई के लिए लिखित शिकायत का इंतजार करेगी।

लग सकती है लगाम

यदि पुलिस कंट्रोल रूम पर तैनात महिला पुलिस कर्मियों से छेड़खानी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करे तो न केवल महिला पुलिस कर्मी उत्साहित होंगी बल्कि इस तरह की कॉल्स पर भी रोकथाम लग जाएगी। पुलिस को इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई जरुर करनी चाहिए।

ये आया बदलाव

कभी कंट्रोल रूम पर लोग झूठी सूचना देकर पुलिस को दौड़ाया करते थे। कोई कहीं झूठी आग लगने की सूचना देता था तो कोई कहीं गोली चलने की बात बताता था, लेकिन अब इस प्रकार की समस्या न के बराबर हो गई है। अब महिला पुलिस कर्मियों से छेड़खानी और तंग करना अपना निशाना बना लिया है।

"पहले भी इस तरह की काल की जानकारी मेरे पास आई है। लेकिन किसी ने शिकायत नहीं की। यदि कंट्रोल रूम में किसी महिला कर्मी को कोई दिक्कत है तो वे इसकी शिकायत मुझसे भी कर सकते है। कॉल करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी."

-के। सत्यनारायण

डीआईजी, मेरठ रेंज