आगरा। बेटी को लेकर आज भी समाज के लोग कुंठित हैं। परिवार में कन्या ने जन्म लिया तो ससुरालियों ने विवाहिता को घर से निकाल दिया। कई दिन बाहर रहने पर समाज के लोगों ने मामले में जैसे-तैसे समझौता कराया लेकिन ससुरालियों की स्थिति नहीं सुधरी। उन्होंने विवाहिता को दहेज के लिए प्रताडि़त करना शुरु कर दिया। रुपया न देने पर फिर से उसे घर से बाहर निकाल दिया। विवाहिता ने थाने में लिखित तहरीर दी है।

दहेज के लिए कर रहे प्रताडि़त

जटपुरा लोहामंडी निवासी नगमा की शादी बोदला जगदीश पुरा निवासी सलीम (दोनों काल्पनिक नाम) से 21 फरवरी 2010 में हुई थी। मायका पक्ष ने अपनी साम‌र्थ्य के अनुसार दान दहेज दिया था। विवाहिता के अनुसार शादी के बाद ससुरालीजनों के व्यवहार में परिवर्तन आ गया। वह उसे दहेज के लिए प्रताडि़त करने लगे। लेकिन वह चुप रही और कठिनाइयों से समझौता कर ससुराल में रहने लगी।

बेटी होने पर दिए गए ताने

विवाहिता का कहना था कि चार वर्ष पूर्व उसने एक बच्ची को जन्म दिया। बेटी होने पर वह बहुत खुश थी लेकिन ससुरालियों को उसकी बेटी एक आंख नही भा रही थी। बेटी को लेकर वह उसे ताना मारने लगे। आरोप है कि ससुरालीजन आक्रामक हो गए और कहने लगे की तूने पुत्र को जन्म नहीं दिया।

बेटी के साथ घर से निकाला

आरोप है ससुरालियों ने उसे बेटी सहित घर से बाहर निकाल दिया। इस मामले की शिकायत 26 जून 2014 को महिला थाने में की गई। शिकायत करने पर समाज के संभ्रांत लोग एकजुट हो गए। उन्होने दोनों पक्ष को बुलवा लिया। दोनों को बैठा कर बातचीत कराई गई। बात करने के बाद समझौता करा दिया। विवाहिता फिर से अपनी ससुराल आ गई।

फिर शुरू हुआ प्रताड़ना का दौर

आरोप है कि समझौता कराए जाने के बाद भी ससुरालियों की हालत में कोई सुधार नहीं आया। चार महीने पूर्व विवाहिता को मारपीट कर घर से निकाल दिया। साथ ही पचास हजार रुपये की डिमांड रखी गई। विवाहिता के मुताबिक ससुरालियों ने कहा कि घर में आना है तो रुपये लेकर आ। इस घटना के बाद से वह अपने मायके में ही रह रही है। पीडि़ता ने इस संबंध में थाना लोहामंडी में तहरीर दी है।