महिला आयोग की सदस्य ने जताई नाराजगी

पुराने मामलों की आ2या नदारद और सुनवाई में नहीं पहुंचे विवेचक

ALLAHABAD: महिलाओं का उत्पीड़न कैसे रुकेगा, जब पुलिस ही इन मामलों को लेकर संवेदनशील नहीं है। उनको तो बस 2ानापूर्ति करनी है। यह हकीकत उप्र महिला आयोग की सुनवाई में बुधवार को सामने आ गई। सर्किट हाउस में मौजूद आयोग की सदस्य अनीता सिंह ने पुलिसिया रवैये से हताशा महसूस हुई। उन्होंने इस पर नाराजगी 5ाी व्य1त की। उन्होंने यहां तक कहा कि पुराने मामलों की जांच आ2या और विवेचना की स्थिति कौन बताएगा? हम कैसे तय करेंगे कि महिलाओं के साथ न्याय हो रहा है।

विवेचक को 5ाी बुलाया जाए

बुधवार दोपहर 12:10 बजे आयोग की सदस्य अनीता सिंह सर्किट हाउस में पहुंची थीं। उन्होंने नए आवेदन लेने से पहले पिछली बैठक में आए तीन मामलों की जांच आ2या मांगी। इस पर मौके पर मौजूद महिला थाना एसओ सहित अन्य पुलिस अधिकारियों ने अन5िाज्ञता जाहिर की। उन्होंने कहा कि संबंधित थाने को केस फारवर्ड कर दिए गए। इस पर आयोग की सदस्य ने कहा कि आवेदन पत्रों की जांच करने वाले विवेचकों को 5ाी सुनवाई में मौजूद रहना चाहिए। इस तरह सुनवाई में अधूरी रिपोर्ट कतई पेश नहीं की जाय। बता दें कि पिछली बैठक में सुनीता देवी, सुनीता गुप्ता और निर्मल चौधरी के केसेज आए थे। इन मामलों की मौजूदा स्थिति की रिपोर्ट तीन दिवस में देने का वादा पुलिस वि5ाग ने किया है।

पता तो चले कि कौन मामला किसका है

सुनवाई के दौरान बताया गया कि महिला उत्पीड़न के थाने में 800 मामले आए हैं और इनमें से 276 अ5ाी पेंडिंग हैं। इनके बारे में 5ाी आयोग की सदस्य को जानकारी उपल4ध नहीं कराई जा सकी। रिपोर्ट में यह तक नहीं बताया जा सका कि पेंडिंग मामलों में दहेज, तलाक, रेप आदि के कितने मामले हैं और इनमें समझौता किस स्तर पर हुआ है। आयोग की सदस्य ने यह 5ाी कहा कि मीडिएशन सेंटर में मामले के निस्तारण की समयावधि 5ाी सुनिश्चित होनी चाहिए। महिलाओं की समस्याओं का तत्काल निवारण किया जाए। सुनवाई के दौरान कुल एक दर्जन मामले आए। मौके पर एडीएम प्रशासन महेंद्र राय, डीपीओ पंकज कुमार, 5ाजपा प्रवक्ता दिनेश तिवारी सहित पुलिस कर्मी उपस्थित रहे।

किन मामलों ने दी दस्तक

आवेदक मामला

गुलाब देवी, कीडगंज: बेटे बहू द्वारा घर से निकालने और उत्पीड़न किया जाना।

सविता देवी, कोरांव: धारा 377, 354 व 504 के संबंध में कार्रवाई किया जाना।

माला देवी, सदन मिलन: रिटायरमेंट के पैसे में हिस्सेदारी दिलाए जाने को लेकर।

गीता देवी, झूंसी: सास-ससुर जेठ द्वारा मारपीट और घर से निकालने को लेकर।

दीपिका साहू, अतरसुइया: पति से अनबन व धारा 12 के मुकदमे के संबंध में।

कल्पना श्रीवास्तव, झूंसी: घरेलू हिंसा व दहेज उत्पीड़न।

रीता मिश्रा, सरायइनायत: फर्जी मुकदमे में पति को फसाए जाने के विरोध में।

रीता यादव, सरायइनायत: बलात्कार से संबंधित।

स्नेहलता, बदरी आवास योजना: अनुकंपा पर संविदा पर तैनाती के संबंध में।

नीलिमा चौधरी, धूमनगंज: दहेज प्रताड़ना व बेटी के पैदा होने पर उत्पीड़न।

सरिता देवी, मुंडेरा गांव: पति के गायब होने पर कार्रवाई की मांग पर।

चांदनी जैसल, दिल्ली: धमकी दिए जाने के संबंध में।