-एसआरएन हॉस्पिटल में इलाज के दौरान हुई मौत

-देवरानी को हिरासत में लिया गया

ALLAHABAD: एजी ऑफिस के सीनियर एकाउंटेंट संदीप नंदी की पत्नी शिल्पी नंदी मंगलवार को दिन में आग का गोला बनकर घर से निकलीं। वह सामने रहने वाले कृपाशंकर सिंह के घर में घुस गई और पानी डालने की फरियाद करने लगीं। उसे काल्विन व एसआरएन हॉस्पिटल में एडमिट करवाया गया, लेकिन बचाया नहीं जा सका। पुलिस ने देवरानी मीना को हिरासत में ले रखा है लेकिन मायके वालों ने कोई तहरीर नहीं दी है।

कई दिन से चल रहा था घर में विवाद

पुलिस का कहना है कि नंदी के परिवार में कई दिन से विवाद चल रहा था। विवाद संदीप के रिटायर्ड पिता गोपी नंदी के पेंशन और देखभाल को लेकर हो रहा था। मंगलवार को भी घर में कुछ विवाद हुआ। उसके बाद शिल्पी घर से आग की लपटों से घिरी हुई निकली। उसे आग का गोला बना देखकर लोग सहम गए। वह भागते हुए सामने रहने वाले कृपाशंकर सिंह के घर में घुस गई और पानी डालने की फरियाद करने लगी। कृपाशंकर ने ही आग बुझाई व पुलिस को सूचना दी। पहले शिल्पी को काल्विन हॉस्पिटल भेजा गया। हालत गंभीर होने पर उसे एसआरएन हॉस्पिटल के लिए रेफर कर दिया गया। एसआरएन में उसने 12 बजकर 40 मिनट पर दम तोड़ दिया। उस वक्त नैनी में रहने वाले शिल्पी के पिता अमरेश व मां सुचित्रा भी आ गई थीं। अमरेश भी एजी के रिटायर्ड कर्मचारी हैं। संदीप से शिल्पी की शादी 2000 में हुई थी। उसकी आठ साल की बेटी तनिता व पांच साल का बेटा सुभाजीत है।

सुसाइड नोट भी मिला

सोर्सेज का कहना है कि पुलिस को घर से सुसाइड नोट भी मिला है लेकिन इसकी पुष्टि नहीं हो रही। पुलिस के साथ ही शिल्पी की फैमिली वाले लेटर की बात से इनकार कर रहे हैं। सोर्सेज का कहना है कि इसमें लिखा है कि मौत के बाद ससुराल वालों को उसकी बॉडी न दी जाए। शिल्पी के पिता अमरेश देवर व देवरानी पर झगड़ा करने का आरोप लगा रहे थे, लेकिन उन्होंने धूमनगंज थाने में कोई तहरीर नहीं दी थी। इसके बावजूद पुलिस ने शिल्पी की देवरानी मीना को देर रात तक थाने में बैठाए रखा। मीना का पति रंजीत प्राइवेट जॉब करता है।