जल्द से जल्द गर्भ धारण करने की इच्छुक महिलाएं अकसर बेहद चिंतित रहती हैं. उन्हें हर दम खोज रहती है आसान और कारगर तरीकों की और वो इस बारे में अधिक से अधिक जानकारी पाना चाहती हैं.

ऐसे में ये ऐप न सिर्फ़ महिलाओं को गर्भाधान के तरीके बताती हैं बल्कि गर्भावस्था के दौरान शरीर को बेहतर ढंग से समझने और उनकी सेहत पर पैनी नज़र रखने का दावा भी करती हैं. इन एप्लीकेशन को 'फ़र्टीलिटी ऐप' कहा जाता है. इनमें से कुछ ऐप का तो दावा है कि उनके इस्तेमाल से 100 प्रतिशत गर्भ धारण किया जा सकता है.

ये एप्लीकेशन यूज़र महिला की सेक्स लाइफ़, माहवारी चक्र, शारीरिक दिक्कतों, शरीर एवं स्वास्थ्य संबंधी अन्य मापदंडों आदि का पूरा रिकॉर्ड रखती हैं और उसी के हिसाब से महिलाओं को बताती हैं कि गर्भ धारण करने के लिए सबसे उचित समय कौन सा है.

एप्लीकेशन इस्तेमाल करने वाली महिलाएं अपनी सेक्स लाइफ़ के बारे में पूरी जानकारी एप्लीकेशन में अपडेट करती हैं. जैसे कि वो कब सेक्स कर रही हैं या नहीं कर रही हैं. क्या वे सेक्स से पूरी तरह संतुष्ट हैं और चरम सुख को लेकर उनकी अनुभूति कैसी है.

'प्रजनन स्वास्थ्य'

महिलाएं अपनी माहवारी और अन्य शारीरिक मापदंडों जैसे की बदन का तापमान आदि के बारे में भी जानकारी एप में फीड करती हैं. ऐसे ही एक ऐप 'ग्लो' के ज़रिए वैज्ञानिक गणना के आधार पर महिलाओं को गर्भवती होने का सही समय बताया जाता है.

आईफ़ोन आधारित ये ऐप महिला द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर उसका फर्टिलिटी लेवल यानी किस वक़्त महिला गर्भाधारण के लिए कितनी तैयार है इस बात की जानकारी देती है. यही नहीं ये एप्लीकेशन अन्य महिलाओं द्वारा दायर किए गए डाटा का इस्तेमाल भी करती है ताकि सही राय दी जा सके.

यानी इन ऐप्स के ज़रिए महिलाएं 'प्रजनन स्वास्थ्य' पर पूर्ण नियंत्रण रख सकती हैं. यह स्थापित तथ्य है कि ओव्युलेशन से पाँच या छह दिन पहले या बाद में ही गर्भाधारण संभव है. यानी गर्भधारण करने के लिए यह जानना भी ज़रूरी है कि कब प्रयास किया जाए. ये मोबाइल एप्लीकेश उस 'सही समय' के बारे में ही सटीक जानकारी देने का दावा कर रही हैं.

सिर्फ ग्लो ही नहीं ऐसी कई अन्य एप्लीकेशन हैं जो शारीरिक जानकारी के आधार पर सही समय की जानकारी देती हैं. लेकिन क्या इन एप्लीकेशन के भरोसे रहकर गर्भ धारण किया जा सकता है?

सौ फीसदी गारंटी

इस सवाल पर स्त्रीरोग विशेषज्ञ और फ़र्टिलिटी एक्सपर्ट डॉक्टर शिल्पा तिवारी कहती हैं, "महावारी चक्र और ओव्यलैशन वो सबसे आम कारण है जिसकी वजह से महिलाएं गर्भधारण करने में सफल नहीं हो पातीं. इस तरह के ऐप महिलाओँ को महावारी चक्र को समझने और अपने शरीर के बारे में ज़्यादा जानकारी दे रहे हैं. लेकिन इनका इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह से ही किया जाना चाहिए."

लेकिन इनमें से कई ऐप जो गर्भाधान की सौ फ़ीसदी गारंटी देते हैं. क्या ये वाकई इतने कारगर हो सकते हैं?

इसके जवाब में डॉक्टर शिल्पा कहती हैं, "हज़ारों साल के बाद भी इंसानी दिमाग़, इंसानी शरीर को समझने में पूरी तरह कामयब नहीं हो पाया है, ऐसे में इंसान की बनाई तकनीक से ये उम्मीद रखना थोड़ी ज़्यादती है. लेकिन ये सच है कि तकनीक तेज़ी से हमारी अंतरंग ज़िंदगी का हिस्सा होती जा रही है."

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