एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने पुरुषों और महिलाओं के बीच बायोलॉजिकल अंतर होने की वजह से शीर्ष पदों पर महिलाओं की कमी होने की दलील दी थी।

इस दलील के ख़िलाफ इंडस्ट्री में काम करने वाली महिलाओं और पुरुषों ने भी कड़ा विरोध जताया।

इस मुद्दे पर बीबीसी न्यूज़बीट ने चार महिला सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स से बातचीत की और उनके अनुभव जानने की कोशिश की।

'काम जज कीजिए,उम्र या लिंग नहीं'

 

'बहुत सारे मौके'
27 साल की चेल्सी स्लेटर लिवरपूल गर्ल गीक्स की सह-संस्थापक हैं। यह कंपनी महिलाओं को तकनीकी क्षेत्र में नौकरी दिलाने में मदद करती है।

उन्होंने कहा, ''हमने ऑफिस में थोड़ा लिंगभेद देखा है। हालांकि ऐसे कुछ बेहतरीन संस्थान भी हैं, जहां विविधता और ऑफिस कल्चर का ख़ास ध्यान रखा जाता है।''

अपने काम के ज़रिए चेल्सा बहुत सी लड़कियों से मिलीं, जो तकनीकी क्षेत्र में नौकरी करना चाहती हैं।

वह बताती हैं, ''हम अब भी डरावनी बातें सुनते हैं। एक लड़की ने बताया कि उनकी टीचर ने उससे कहा है कि वह कभी इंजीनियरिंग के सब्जेक्ट नहीं ले सकती, क्योंकि वह अकेली लड़की होगी। हमने उन्हें कहा कि वह चाहे जैसे हो ये करें।''

चेल्सी ने कहा कि लड़कियों का थोड़ा मनोबल बढ़ाया जाए और उन्हें यह बताया जाए कि वह कुछ भी कर सकती हैं तो उन्हें काफी ऊर्जा मिलती है।

उन्होंने कहा, ''यह इंडस्ट्री वाकई बेहतरीन है। यह क्रिएटिव है, यहां बहुत से मौके हैं, हर किसी को अपनाती है। जिनके पास आवाज़ है इसका इस्तेमाल करें। अपना असर दिखाएं और दूसरों के लिए रोल मॉडल बनें।''

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'कोडिंग मजेदार है'
26 साल की मार्टिना एक बड़े बैंक में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर काम करती हैं।

इसके अलावा वह डेवेलपहर (DevelopHer) नाम के संस्थान को वालंटियर भी करती हैं जो महिलाओं को तकनीकी नौकरी दिलाने में मदद करता है।

वह कहती हैं, ''महिलाओं के लिए सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में करियर की शुरुआत करना थोड़ा कठिन है लेकिन आप इसके लिए बेहतरीन हैं और किसी को भी इस बारे में बेवजह मत बोलने दीजिए।''

मार्टिना के मुताबिक़, जब आप सीख रहे हैं, आप जीत रहे हैं, इसलिए डटे रहिए। और एक ऐसी कम्युनिटी की तलाश करिए जो आपका समर्थन करे और हिम्मत दे।

उन्होंने बताया कि वह 'डेवलपहर' प्रोग्राम के तहत महिलाओं को तकनीकी क्षेत्र में आने के लिए प्रोत्साहित करती हैं और उनमें से कई काफी अच्छा काम भी करती हैं।

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'ऐसी कहानियों से बचें'
सॉफ्टवेयर इंजीनियर और स्नैप टेक की संस्थापक जेनी ग्रिफिथ्स कहती हैं, गूगल के कर्मचारी ने जो बातें कही हैं वह रुढ़िवादी हैं।

उन्होंने कहा, ''मैं जानती हूं बहुत सारे लोग पुरुष प्रधान माहौल में जाने से डरते हैं लेकिन हमारे पास आने वाली पीढ़ी के लिए इस माहौल को बदलने का मौका है।''

जेनी के मुताबिक़, इंजीनियरिंग को बतौर करियर चुनने के पीछे सबसे खास वजह ये होनी चाहिए कि आपको अपने काम और क्वालिटी के लिए जज किया जाए न कि आपकी उम्र या लिंग को लेकर।

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'इंडस्ट्री में थोड़ा कलंक'
सॉफ्टवेयर डेवलपर एलिस आर्मस्ट्रॉन्ग के मुताबिक़, इंडस्ट्री में एक प्रगतिशील बदलाव आया है।

उन्होंने कहा, 10 साल पहले इस इंडस्ट्री में करियर बनाने के बारे में सोचने की तुलना में अब यहां मेरा अनुभव काफी बेहतर है।

एलिस के मुताबिक़, ''तकनीकी इंडस्ट्री में अभी भी थोड़ा कलंक लगा है। लेकिन ज़्यादा से ज़्यादा कंपनियां अब विवधता और संचार के मायने समझ रही हैं।''

उनका मानना है कि ऐसी बातों की वजह से महिलाओं को पीछे नहीं हटना चाहिए। रेल्स गर्ल्स, कोडबार और मेकर्स एकेडमी जैसे समूह महिलाओं और अल्पसंख्यक समूहों को सपोर्ट कर रहे हैं। इसके पहले टेक इंडस्ट्री में आने के लिए ऐसा माहौल नहीं रहा।

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