एक मोटल में जब ये महिला कर्मचारी अपने सहयोगी के साथ सेक्स कर रही थी तभी ढीली फ़िटिंग उन पर गिर गई.

शिकायतकर्ता ने हर्जाने का प्रारंभिक मुक़दमा सरकार के बीमाकर्ता कॉमकेयर से जीत लिया था.

लेकिन हाईकोर्ट ने फ़ैसले को पलट दिया. कोर्ट ने कहा कि महिला कर्मचारी को ऐसी गतिविधि के लिए प्रोत्साहित नहीं किया जा सकता, जो उसे चोट की ओर ले जाए.

अंतिम फ़ैसला

महिला कर्मचारी का कहना था कि उसके नाक, मुंह और दांतों में चोट लगी. फिटिंग मुंह पर गिरने पर वह मनोवैज्ञानिक सदमे से भी गुज़री.

कानूनी लड़ाई लंबी चली. हाईक़ोर्ट के चार ज़जों ने महिला के ख़िलाफ़ फ़ैसला दिया जबकि एक ज़ज ने फ़ैसले पर असहमति ज़ाहिर की.

क़ोर्ट ने कहा, " जिस तरह की घटना में संलिप्त रहने पर कर्मचारी को चोट लगी, उस पर प्रासंगिक सवाल यही है कि क्या किसी भी नियोक्ता को कर्मचारी को ऐसी गतिविधि में संलिप्त रहने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए. "

कोर्ट ने आगे कहा, "इस मामले में हमने जब इस सवाल पर विचार किया तो बहुमत इसके ख़िलाफ़ था. "

महिला का नाम नहीं बताया गया है. अब उनके पास आगे अपील का अधिकार नहीं है.

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