JAMSHEDPUR : सिदगोड़ा थाना अंतर्गत विद्यापति नगर निवासी महिला आशा कश्यप को ससुराल वालों ने बेटी होने पर घर से निकाल दिया। ससुराल वालों की प्रताड़ना की शिकार महिला पहले सिदगोड़ा थाने, एसपी कार्यालय के बाद साकची महिला थाने में मामला दर्ज कराया है।


2013 में आशा की हुई थी शादी

आशा ने बताया कि उसकी शादी 10 दिसंबर 2013 को एसके चौधरी के साथ हुई थी। 24 अगस्त 2015 को उसने एक बेटी को जन्म दिया। आशा का आरोप है कि बेटी होते ही ससुराल वालों ने उसे सताना शुरू कर दिया। तरह-तरह से ताना दिया जाने लगा और कहा जाने लगा कि बेटी को क्यों जन्म दी। इसके बाद छोटी-छोटी बात पर पति व सास मारपीट करने लगे और घर से निकल जाने को कहने लगे। बेटी जब डेढ़ माह की हुई तो मारपीट कर घर से निकाल दिया गया। इसके बाद में अपने मायके आ गयी। मायके आने के बाद आशा ने पति को काफी समझाया, तो वह नौ महीने के बाद मुझे ससुराल लेकर गए, लेकिन मेरे जेठ व सास के बहकावे में आकर पति फिर मारने-पीटने लगे और दोबारा घर से निकाल दिया।


कोर्ट के आदेश से दोबारा गई ससुराल

महिला ने कहा है कि परेशान होकर कोर्ट में मैं घरेलू ¨हसा का मामला पति समेत ससुराल वालों के खिलाफ दर्ज कराया। इससे बचने के लिए मेरे पति एसके चौधरी ने भी केस कर दिया और कोर्ट से कहा कि मैं पत्‌नी को ले जाने के लिए तैयार हूं। महिला के अनुसार 24 अप्रैल 2018 को कोर्ट के आदेश घर चली गई। कोर्ट ने आदेश किया था कि परिवार के लोग जिस तरह रहेंगे उसी के साथ आशा भी रहेगी। महिला ने कहा कि मुझे घर में ले जाकर एक कमरे में बंद कर दिया गया और शारीरिक व मानसिक रूप से प्रताडि़त किया जाना लगा। अब घर छोड़कर जाने को कहा जा रहा है। मेरे जेठ निखिल कुमार चौधरी मुझे धमकी दे रहे हैं कि चली जाओ नहीं तो तुमको और तुम्हारी बेटी को जान से मार देंगे। महिला ने कहा है कि इसकी मौखिक शिकायत सिदगोड़ा थाने में की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने पर मैं सिटी एसपी प्रभात कुमार से मिली। प्रभात कुमार के आदेश पर पीडि़त महिला को महिला थाना में लिखित शिकायत करने को कहा। इसके बाद पीडि़ता ने अपने ससुराल वालों के खिलाफ महिला थाना में कार्रवाई के लिए शिकायती पत्र दिया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।