-राजकीय अस्पताल में गर्भवती महिलाओं के लिए बन रहे मेटरनिटी विंग का काम अब तक नहीं हुआ पूरा
-सुविधाओं से लैस हॉस्पिटल तैयार होने के बाद बेहतरीन इलाज के नहीं लगाना होगा प्राइवेट हॉस्पिटल का चक्कर
VARANASI : गर्भवती महिलाओं को हाई क्लास मेटरनिटी विंग के लिए अभी इंतजार करना पड़ेगा। डेडलाइन पूरा होने के बाद भी इसका निर्माण पूरा नहीं हो सका है। सुस्त निर्माण कार्य की वजह से इसके तैयार होने की सिर्फ तरीख पर तारीख तय हो रही है। कबीरचौरा स्थित राजकीय महिला अस्पताल के कैंपस में पीपीपी मॉडल पर बन रहे मेटरनिटी विंग का निर्माण देखकर कहना मुश्किल है कि अगले माह इसका कार्य समाप्त हो जाएगा। हेल्थ अफसरों की माने तो पिछले दो साल में कई बार डेड लाइन मिल चुकी है, लेकिन अभी तक 80 फीसदी ही काम हुआ है। जबकि नवंबर तक काम पूरा हो जाना था।
तीन साल पहले शुरू हुआ काम
गर्भवती महिलाओं को राजकीय महिला अस्पताल में भी बेहतरीन स्वास्थ्य सेवा देने के मकसद से साल 2015 में सुपर स्पेशलिटी मेटरनिटी विंग बनाने का कार्य शुरू हुआ था। कार्यदाई संस्था पीडब्ल्यूडी द्वारा बनवाये जा रहे इस हॉस्पिटल को तैयार करने के लिए दो साल का समय दिया गया था। अधिकारियों की लापरवाही के चलते बीते तीन साल में इसकी डेडलाइन कई बार आगे बढ़ी। इसके बाद भी हॉस्पिटल तैयार नहीं हुआ। कुछ समय पहले मंत्रियों और अधिकारियों के दबाव के बाद काम में तेजी आई है। लेकिन कुछ दिन बाद फिर चाल सुस्त हो गई।
दो हिस्सों में हो रहा तैयार
हॉस्पिटल दो हिस्सों में तैयार हो रहा है। निर्माण कार्य शुरू होने से पहले फ्रंट साइड वाले हिस्से के लिए ही बॉण्ड पर साइन किया गया था। कुछ दिन बाद दूसरे हिस्से के लिए बॉण्ड साइन हुआ। इसकी वजह से काफी दिनों तक काम प्रभावित रहा। अधिकारियों के दबाव के बाद काम में थोड़ी तेजी भी आई है। शायद इसी का नतीजा है कि चार फ्लोर के इस इमारत का काम लगभग 80 फीसदी तक काम पूरा हो चला है। अब इंटीरियर और फिनिसिंग का काम हो रहा है। थर्ड फ्लोर तक टाइल्स लगा दी गई है।
निर्माण कार्य में पहले से काफी तेजी आई है। वर्तमान स्थिति देखकर यही लग रहा है कि दिसंबर के अंत तक काम पूरा हो जाएगा।
आरपी कुशवाहा, एसआईसी
राजकीय महिला अस्पताल
एक नजर
20
करोड़ का है बजट मेटरनिटी विंग का
2015
में शुरू हुआ था काम
80
फीसदी काम हुआ पूरा
-पीपीपी मॉडल पर तैयार हो रहा अस्पताल
-शहर की एक प्राइवेट हॉस्पिटल को दी जाएगी हॉस्पिटल की कमान