-पुरुषों की तुलना में किडनी डोनेट करने में महिलाएं कहीं आगे

LUCKNOW: विभिन्न कारणों से महिलाओं में किडनी की बीमारी होने और किडनी फेल होने का खतरा पुरुषों की अपेक्षा अधिक होता है। किडनी के मरीजों में 70 फीसद महिलाएं हैं और करीब 30 फीसद ही पुरुष होते हैं। लेकिन इलाज मिलने के मामले में आंकड़े एकदम विपरीत हैं। आज भी सामाजिक असमानता के कारण उन्हें इलाज नहीं मिल पाता। यदि 6 मरीजों को किडनी ट्रांसप्लांट की जाती है तो पांच पुरुष होते हैं और एक ही महिला होती है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की पूर्व संध्या पर संजय गांधी पीजीआई के नेफ्रोलॉजी विभाग के डॉ। आरके शर्मा ने यह जानकारी दी।

क्रोनिक किडनी डिजीज

नेफ्रोलॉजी विभाग के डॉ। नारायन प्रसाद ने बताया कि प्रसव के दौरान अधिक ब्लीडिंग होने पर एक्यूट क्रिटिकल नेक्रोसिस की समस्या किडनी में हो जाती है। जिसके कारण किडनी कम काम करने लगती है और यह क्रोनिक किडनी डिजीज में तब्दील हो जाती है।

किडनी दान में महिलाएं आगे

डॉ। नारायन प्रसाद ने बताया कि किडनी खराब होने पर किडनी ट्रांसप्लांट ही इलाज है। सबसे अधिक महिलाएं ही किडनी देती हैं। उनमें भी 50 से 60 फीसद पत्‍ि‌नयां ही अपने पतियों की जान बचाने के लिए किडनी डोनेट करती हैं। जबकि मां और बहने दूसरे तीसरे नंबर पर हैं।

प्रीमेच्योर डिलीवरी का खतरा

पीजीआई की डॉ। अनुपमा कौल ने बताया कि प्रेगनेंसी के दौरान यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन होने पर पाइलो नेफ्राइटिस हो जाती है। प्रीमेच्योर डिलीवरी का खतरा रहता है। ब्लीडिंग अधिक होने पर भी खतरा अधिक रहता है।

हो जाएं सावधान

डॉ। डीएस भदौरिया और डॉ। एमआर पटेल ने बताया कि महिलाओं में कुछ खास तरह के किडनी रोग होते हैं। इन्हीं में एसएलई लुपस। इसमें धूप में निकलने पर महिलाओं के चेहरे पर बटरफ्लाई या तितली की तरह की लाल धारियां उभर आती हैं। चेहरा लाल हो जाता है। यह लक्षण किडनी बीमारी के हैं।