- 50 पिंक बसे महिलाओं के लिए

- 40 इंटरसेप्टर (आदिशक्ति वाहन)

- 7.20 करोड़ की लागत से खरीदे गए वाहन

- डायल 100 इमरजेंसी नंबर से किया जाएगा कनेक्ट

- 200 महिलाओं की होनी हैं तैनाती

- 1 महिला चलेगी आदिशक्ति के साथ

- 2 महिलाओं की तैनाती होगी कंट्रोल रूम में

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- रोडवेज की बसों में महिला यात्रियों की सुरक्षा को चलाए जाने हैं आदिशक्ति वाहन

- इन आदि शक्ति वाहनों में महिलाओं को किया जाना है तैनात

- इनके लिए बनना है कंट्रोल रूम, इन वाहनों और कंट्रोल रूम में तैनाती के लिए अभी तक नहीं शुरू हो सकी चयन प्रक्रिया

- चयनित महिलाओं की पुलिस के यहां होनी है ट्रेनिंग

LUCKNOW:

परिवहन निगम की विभागीय लापरवाही की वजह से निर्भया फंड से प्रदेश की महिला यात्रियों की सुरक्षा को तैयार की गई करोड़ों की आदिशक्ति योजना फ्लॉप होती नजर आ रही है। दरअसल, इस योजना को परवान चढ़ाने के लिए नारीशक्ति यानी महिलाओं की तैनाती की जानी थी, लेकिन अब तक इनकी तैनाती को लेकर कोई गाइडलाइन तैयार नहीं की गई है। इसकी जिम्मेदारी परिवहन निगम के अधिकारियों को दी गई थी। वहीं फंड से खरीदे गये वाहन निगम मुख्यालय पहुंचने लगे हैं। उधर, अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही इनकी तैनाती शुरू की जाएगी।

हाईटेक सुविधाओं से लैस

यूपी रोडवेज की बसों में महिलाओं को सुरक्षित सफर की सुविधा देने के लिए निर्भया फंड से प्रदेश में 50 पिंक बसों को संचालन किया जाना तय किया गया था। इसके लिए आदिशक्ति योजना बनाई गई, जिसके तहत आदिशक्ति वाहनों का संचालन होना था। प्रदेश के 20 क्षेत्रों में इन 40 वाहनों को हाईटेक सुविधाओं से लैस किया जाना है। साथ ही इन्हें सौ नंबर से भी जोड़ा जाना है। वहीं इन वाहनों में महिलाओं की तैनाती भी की जानी थी। हर वाहन में कम से कम एक महिला की मौजूदगी जरूरी है जबकि कंट्रोल रूम में दो की तैनाती होनी है। जानकारों की मानें तो यह वाहन तो निगम के पास पहुंच गये हैं, लेकिन विभागीय अधिकारियों की लापरवाही की वजह से अब तक महिलाओं की तैनाती नहीं हो सकी है।

निर्भया फंड के तहत 50 नई महिला स्पेशल पिंक बसों के साथ ही 40 आदि शक्ति वाहन भी लाए जाने थे। ये वाहन आने शुरू हो गए हैं। अगले दो दिनों में आदि शक्ति के नाम से संचालित होने वाले सभी वाहन यहां पहुंच जाएंगे। इन वाहनों में तैनाती के लिए महिलाओं की चयन प्रक्रिया अब तक नहीं शुरू हो सकी है। इसमें देर हो गई है। वहीं बसों के आने में देरी हो रही है, लेकिन अगले महीने तक वे भी आ जाएंगी। पिंक बसों को किन रूटों पर चलाया जाना है, इसका चिन्हीकरण शुरू हो गया है। परिवहन मंत्री जल्द ही महिलाओं को पिंक बस सेवा के साथ आदि शक्ति का तोहफा देंगे।

जयदीप वर्मा

मुख्य प्रधान प्रबंधक प्राविधिक

यूपीएसआरटीसी

तैनाती को नहीं बनी अब तक गाइडलाइन

परिवहन निगम के अधिकारियों के अनुसार इन आदि शक्ति वाहनों पर चलने वाली महिलाओं का चयन प्रदेश भर से किया जाना है। 200 से अधिक महिलाओं का चयन इस योजना के लिए किया जाना है। किस तरह की महिलाओं का चयन इस योजना में किया जाना है, इसके लिए खाका भी तैयार किया जाना है, लेकिन अब तक चयन प्रक्रिया के लिए नियम और शर्ते तक फाइनल नहीं हो सकी हैं।