-महिला आरक्षण विधेयक पारित करने की मांग को लेकर वेल में महिला विधायकों ने की नारेबाजी

क्कन्ञ्जहृन्: अंतरर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर गुरुवार को विधानसभा में महिला विधायकों ने संसद में लंबित महिला आरक्षण बिल को मंजूर करने की मांग को लेकर जमकर हंगामा किया। महिला विधायक वेल में पहुंचकर नारेबाजी करती रहीं। विधानसभा अध्यक्ष विजय चौधरी के आग्रह पर सभी अपनी जगह लौटीं। चौधरी ने कहा कि उनकी मांग बिहार सरकार से संबंधित नहीं है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर प्रश्नकाल के दौरान सरकार सबसे पहले महिला सदस्यों के सवालों का जवाब देगी।

तरक्की के लिए दबाव बनाना

शुरू में विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि इस बार अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस का थीम 'प्रेस फॉर प्रोग्रेस' यानी तरक्की के लिए दबाव बनाना है। इस थीम का सम्मान करते हुए सबसे पहले महिला विधायकों के प्रश्न सुने जाएंगे। महिला सदस्यों के 12 प्रश्नों के सरकार ने जवाब दिए। अरुण देवी के सवाल के जवाब में नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा ने कहा कि 40 हजार से अधिक की आबादी वाले नगर पंचायत ही नगर परिषद में अपग्रेड होंगे। अरुण देवी ने नवादा के वारिसलीगंज बाजार को नगर परिषद बनाने की मांग की थी, जिसकी आबादी मंत्री के मुताबिक करीब 34 हजार है।

मुआवजा देने में हुआ विलंब

सुनीता सिंह चौहान के सवाल के जवाब में कृषि मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने कहा कि सीतामढ़ी के परसौनी प्रखंड में ई-किसान भवन के निर्माण में विलंब की जांच कराई जाएगी। लेसी सिंह के सवाल पर ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने स्वीकार किया कि बाढ़ पीडि़तों को फसल क्षति का मुआवजा देने में थोड़ा विलंब हुआ है। बीमा कंपनी सर्वे कर रही है, जल्द भुगतान हो जाएगा।

गोरखपुर मॉडल का अध्ययन

नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा ने गुरुवार को विधानसभा में कहा कि सरकार शवदाहगृह के गोरखपुर मॉडल का अध्ययन करा रही है। कम लागत पर दाह संस्कार हो जाता है। मात्र सौ किलो लकड़ी की ही जरूरत होती है और परंपरागत तरीके से दाह संस्कार हो जाता है। उन्होंने कहा कि विद्युत शवदाहगृह का निर्माण फिलहाल पूर्व की भांति जारी रहेगा। वह प्रश्नकाल के दौरान विजय कुमार खेमका के एक प्रश्न का जवाब दे रहे थे। खेमका की अनुपस्थिति में उनका यह सवाल सचिंद्र सिंह ने सरकार से पूछा। मंत्री ने कहा कि 5 लाख से अधिक आबादी वाले नगर निगम में प्रथम चरण में विद्युत शवदाहगृह बनाए जाएंगे। इसपर संजय सरावगी ने कहा कि पटना छोड़ किसी नगर निगम की आबादी 5 लाख से अधिक नहीं है और पटना में विद्युत शवदाहगृह पहले से मौजूद है।