- बीवर जिले की महिला अधिकारी मंगला कामले का दावा, की गई है हत्या

- आठ इंजीनियरों को अनुराग ने भिजवाया था जेल, कॉन्ट्रेक्टर से हुआ था विवाद

LUCKNOW :

आईएएस अनुराग तिवारी की रहस्यमय हालात में हुई मौत को हत्या बता रहे परिजनों को कर्नाटक की महिला अधिकारी का साथ मिला है। कर्नाटक के बीवर जिले की महिला पंचायत अधिकारी मंगला कामले ने दावा किया कि अनुराग की मौत कोई हादसा नहीं बल्कि, सोची-समझी साजिश के तहत हत्या की गई है। महिला अधिकारी ने बताया कि अनुराग ने खुद उसके सामने जान पर खतरे का अंदेशा जताया था। आईएएस अनुराग ने बीवर में ही आठ इंजीनियरों को भ्रष्टाचार के मामले में जेल भिजवाया था। उनका एक कॉन्ट्रैक्टर से विवाद भी हुआ था, जिसके बाद वहां के कई नेता उनकी जान के दुश्मन बन गए थे।

हजारों करोड़ के घोटाले की थी चर्चा

मंगला कामले ने दैनिक जागरण आई नेक्स्ट से फोन पर हुई बातचीत में बताया कि अनुराग की हत्या से पहले कर्नाटक की मीडिया में बड़े घोटाले के जल्द खुलने की चर्चा आम हो गई थी। विपक्ष के एक नेता ने तो मीडिया में बयान भी दिया था कि दो हजार करोड़ रुपये का घोटाला सामने आने वाला है। नेता का दावा था कि इस घोटाले में कई अधिकारी और सफेदपोश बेनकाब होंगे।

एसआईटी से न मिल पाने का मलाल

मंगला के मुताबिक, अनुराग की हत्या की जांच कर रही एसआईटी को अपना बयान देना चाहती थीं लेकिन, उनकी कोशिशों के बावजूद एसआईटी प्रभारी से मुलाकात नहीं हो सकी। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले से सीबीआई जांच के बाद ही पर्दा उठ सकेगा। मंगला ने बताया कि अनुराग ने उससे कहा था कि उनकी जान चली जाए लेकिन, वे भ्रष्टाचार से समझौता नहीं करेंगे।

लगवाए थे सीसीटीवी कैमरे

अनुराग के भाई मयंक अब भी बेंगलुरु में ही मौजूद हैं। उन्होंने फोन पर बताया कि पड़ताल में पता चला है कि अनुराग ने चार महीने पहले अपने आवास पर छह सीसीटीवी कैमरे लगवाए थे। मयंक ने बताया कि अपने पूरे कैरियर में अनुराग किसी से नहीं डरे लेकिन, हाल में उनके द्वारा कैमरे लगवाना यह साबित करता है कि उन्हें खुद पर मंडरा रहे खतरे का आभास हो चुका था।

तीन दिन की रिकॉर्डिग मौजूद

मयंक ने बताया कि वे एसआईटी प्रभारी अवनीश मिश्र के साथ अनुराग के सरकारी आवास पर पहुंचे थे। जहां उन्होंने कैमरों के डीवीआर की पड़ताल की। लेकिन, कैमरे में सिर्फ तीन दिन की रिकॉर्डिग ही मौजूद मिली। जिस वजह से यह साफ नहीं हो सका कि अनुराग के घर पर उनके बेंगलुरु में रहते और लखनऊ में उनकी मौत के बाद वहां कौन-कौन आया।