कानपुर। महिलाओं को वोटिंग का अधिकार देने वाला दुनिया का पहला देश न्यूजीलैंड है। न्यूजीलैंड सरकार की एक आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, 28 नवंबर, 1893 को  न्यूजीलैंड ने महिलाओं को पहली बार मतदान करने का अधिकार दिया था। बता दें कि महिलाओं को यह अधिकार दिलवाने में केट शेफर्ड नाम की एक सोशल एक्टिविस्ट ने बड़ी भूमिका निभाई थी। केट ने 1891, 1892 और 1893 में वोटिंग के लिए आंदोलन किये थे। काफी संघर्षों और प्रदर्शन के बाद न्यूजीलैंड की सरकार को केट की मांगे पूरी करनी पड़ी और इसी तरह वहां की महिलाओं को मतदान करने का अधिकार मिला गया।

संपत्ति वाली महिलाएं कर सकती थीं मतदान

न्यूजीलैंड में 1893 में महिलाओं ने वोट डालने का अधिकार तो पा लिया था लेकिन चुनावों में बतौर उम्मीदवार खड़े होने के लिए उन्हे 1919 में अनुमति मिली थी। बता दें कि  न्यूजीलैंड से पहले कुछ देशों ने महिलाओं को वोटिंग करने का अधिकार दे दिया था लेकिन उसके साथ कुछ शर्तें भी रख दी थीं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वो शर्तें ये थीं कि चुनाव में वही महिलाएं  वोटिंग कर सकती हैं, जिनके पास अधिक संपत्ति हो। इसका मतलब है कि सिर्फ उन्हीं महिलाओं को मतदान करने का अधिकार मिला, जो संपत्ति वालीं थीं। न्यूजीलैंड पहला ऐसा देश बना, जिसनें सभी महिलाओं को वोटिंग करने की आजादी दी।

भारत में आजादी के साथ ही ऐसा अधिकार  

इसके बाद धीरे-धीरे दूसरे देशों ने भी इस रास्ते को अपनाया। न्यूजीलैंड के बाद ऑस्ट्रेलिया ने 1902 में महिलाओं को ऐसे अधिकार दिए। उसके बाद फिनलैंड ने 1906 में इसकी शुरुआत की, जबकि नॉर्वे ने 1913 में महिलाओं को मताधिकार दिए। आपको यह जानकार हैरानी होगी कि अमेरिका जैसे देश में भी पहले महिलाओं को वोटिंग करने का अधिकार नहीं था, वहां 1919 में ऐसा कानून लागू किया गया। अगर भारत की बात करें तो, यहां आजादी मिलने के बाद से ही महिलाओं को वोटिंग करने का अधिकार दे दिया गया था।

 

International News inextlive from World News Desk