- मेरठ में देश का दूसरा सबसे बड़ा कैंट है। आपने महिला आर्मी ऑफिसर्स को फुल कमिशन देने की जो मांग उठाई थी। उस पर आपका क्या कहना है?

महिला आर्मी ऑफिसर्स ने सुप्रीम कोर्ट में केस फाइल किया हुआ है। उसमें प्रोग्रेस जारी है। हमारा संगठन भी इस पर लगातार काम कर रहा है। आर्मी में भी महिलाओं को उनका हक मिलना बेहद जरूरी है। किसी एक क्षेत्र में नहीं हर क्षेत्र में हम महिलाओं को उनका हक देने की बात कर रहे हैं।

- जिस सदन की आप मेंबर हैं, उस सदन के उपसभापति पर गंभीर आरोप है। इस पर आप क्या कहेंगे?

जब महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कई नए कानून बन रहे हों तो संसद में एक ऐसे व्यक्ति का प्रतिष्ठित पद पर रहना जिसपर गंभीर आरोप लगा हो उसे नैतिकता के आधार पर उस पद पर नहीं होना चाहिए। वो भी उस समय जब देश की महिलाएं अपनी सुरक्षा को लेकर संसद की ओर देख रही हो।

- महिलाओं की सुरक्षा को लेकर जो कानून बने हैं उनके बारे में आप क्या कहेंगी?

देखिए जो सरकार ने महिला सुरक्षा को लेकर ज्यूडिशियल पुलिस रिफॉर्म जो कानून के रूप में लागू हुए हैं उनके बारे में संसद में जितनी चर्चा होनी चाहिए थी वो नहीं हुई हैं। नया सत्र शुरू हुआ है। जिस पर चर्चा करेंगे।

- संजय निरुपम मामले में आपका क्या कहना है?

मामला कोर्ट में इस पर कुछ भी कहना मैं उचित नहीं समझती हूं।

महिलाओं की स्थिति

- देश में हर साल एक करोड़ फीमेल फीट्स को कोख में ही मार दिया जाता है।

- देश में महिलाओं की मौजूदगी सिर्फ 4.6 फीसदी।

- सरकारी नौकरियों में महिलाएं सिर्फ 9 फीसदी।

- इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस में महिलाएं सिर्फ 14 फीसदी।

- देश की सुप्रीम कोर्ट में कुल 26 जजों में सिर्फ 2 महिला जज।

- बांबे स्टॉक एक्सचेंज में रजिस्टर्ड 1112 कंपनीज में से सिर्फ 54 कंपनियों की डायरेक्टर महिलाएं।

- देश के ऑर्गनाइज सेक्टर में सिर्फ 20 फीसदी महिलाओं की भागेदारी। अनऑर्गनाइज सेक्टर में ये भागेदारी 93 फीसदी।