- शहर में मारपीट से तंग होकर गांव में रहने को तैयार शबनम

- कांउसलिंग में नहीं बनी बात, अगले सैटरडे आने को कहा

BAREILLY: मैं शहर में नहीं रहूंगी। मुझे गांव में ही रहना है। पुलिस लाइन परामर्श केंद्र में काउंसलिंग के दौरान शबनम (नेम चेंज्ड) काउंसलर्स से बार-बार यही गुहार लगा रही थी। शबनम की गांव के ही रहने वाले शौकत से दो साल पहले शादी हुई थी। शादी के कुछ दिनों तक सब नॉर्मल रहा, लेकिन उसके बाद ससुराल पक्ष के लोगों ने शबनम के साथ मारपीट शुरू कर दी, जिसके बाद शबनम ने अपने ससुरालवालों के खिलाफ परामर्श केंद्र में मामला दर्ज कराया।

दो साल पहले हुई थी शादी

शबनम के पिता अफसर खां ने बताया कि मैंने अपनी बेटी की शादी गांव के ही रहने वाले शौकत के साथ ख् अक्टूबर ख्0क्ख् को की थी। शादी में 8 लाख रुपए भी खर्च किए थे। शौकत के घरवालों ने बताया कि उनका बेटा अफगानिस्तान में जॉब करता है और ब्0 हजार रुपए महीना कमाता है। शादी के बाद मेरी बेटी को लेकर ससुराल पक्ष के लोग गोवा ननद के घर रहने के लिए चले गए। जहां पर आए दिन उसके साथ मारपीट की जाती है।

गांव में रहने को राजी

मारपीट से तंग आकर शबनम अपने ननद के घर किसी भी कीमत पर रहने को राजी नहीं है। उसका कहना है कि मैं गांव में रहने को तैयार हूं। क्योंकि गोवा में ननद नसरीन और उसका हसबैंड आजम एवं सास व ससुर किसी न किसी बात को लेकर मारते पीटते हैं। शादी में 8 लाख रुपए देने के बाद भी दहेज कम होने का ताना मारते हैं। सैटरडे को हुई काउंसलिंग में कोई नतीजा नहीं निकल सका, जिसके चलते दोनों पक्षों को नेक्स्ट सैटरडे उपस्थित होने को कहा गया है।