- ओपीडी के फर्श पर तड़पती रहीं बुजुर्ग, स्ट्रेचर के लिए भटकता रहा बेटा

- इमरजेंसी में पहुंचने से पहले ही हो गई मौत, परिजनों ने किया हंगामा

<- ओपीडी के फर्श पर तड़पती रहीं बुजुर्ग, स्ट्रेचर के लिए भटकता रहा बेटा

- इमरजेंसी में पहुंचने से पहले ही हो गई मौत, परिजनों ने किया हंगामा

GORAKHPUR:

GORAKHPUR: एक बार फिर सरकारी अस्पताल के जिम्मेदारों की अमानवीयता के आगे एक बेबस बेटे की मां ने दम तोड़ दिया। मामला जिला अस्पताल का है। स्ट्रेचर न मिलने की वजह से गुरुवार को बुजुर्ग महिला ने ओपीडी में ही तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया। उधर, लाचार बेटा स्ट्रेचर के लिए इधर-उधर भटता रहा लेकिन किसी ने भी उसकी मदद नहीं की। आधा घंटा मशक्कत के बाद इमरजेंसी से स्ट्रेचर मिला तो परिजन मरीज के साथ इमरजेंसी में पहुंचे। लेकिन तब तक बुजुर्ग की मौत हो चुकी थी। मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए इमरजेंसी में जमकर हंगामा किया। सूचना पर पहुंची पुलिस और अस्पताल अधिकारियों ने किसी तरह मामले को शांत करवाया।

<एक बार फिर सरकारी अस्पताल के जिम्मेदारों की अमानवीयता के आगे एक बेबस बेटे की मां ने दम तोड़ दिया। मामला जिला अस्पताल का है। स्ट्रेचर न मिलने की वजह से गुरुवार को बुजुर्ग महिला ने ओपीडी में ही तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया। उधर, लाचार बेटा स्ट्रेचर के लिए इधर-उधर भटता रहा लेकिन किसी ने भी उसकी मदद नहीं की। आधा घंटा मशक्कत के बाद इमरजेंसी से स्ट्रेचर मिला तो परिजन मरीज के साथ इमरजेंसी में पहुंचे। लेकिन तब तक बुजुर्ग की मौत हो चुकी थी। मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए इमरजेंसी में जमकर हंगामा किया। सूचना पर पहुंची पुलिस और अस्पताल अधिकारियों ने किसी तरह मामले को शांत करवाया।

लगाता रहा गुहार, कोई नहीं आया आगे

झंगहा एरिया के अमहिया निवासी ओंकार नाथ मिश्रा की भ्भ् वर्षीय पत्नी मालती देवी की तबियत अचानक बिगड़ गई। गुरुवार दोपहर करीब एक बजे परिजन मरीज को लेकर जिला अस्पताल के ओपीडी ख्8 नंबर कमरे में पहुंचे। इस दौरान ओपीडी में काफी भीड़ थी। परिजनों ने किसी तरह मरीज को डॉक्टर से दिखाया। डॉक्टर ने इमरजेंसी में भर्ती करने की सलाह दी। मरीज की हालत काफी नाजुक थी, वह चल नहीं पा रही थीं। परिजन उन्हें सीएमओ ऑफिस के पास फर्श पर लिटाकर ओपीडी में स्ट्रेचर लाने गए लेकिन स्ट्रेचर नहीं मिला। आरोप है कि स्टाफ से भी स्ट्रेचर बारे में पूछा लेकिन किसी ने मदद नहीं की। बेटे शैलेंद्र मिश्रा ने इमरजेंसी में वार्ड ब्वॉय से मां की गंभीर हालत की दुहाई दे गुजारिश की तब जाकर आधे घंटे बाद स्ट्रेचर मिला। शैलेंद्र जब स्ट्रेचर लेकर मां के पास पहुंचा तो उनकी आंखें बंद हो चुकी थीं।

खूब हुआ हंगामा

परिजन करीब क्.फ्0 बजे मरीज को स्ट्रेचर पर लेकर इमरजेंसी पहुंचे। डॉक्टर्स ने जांच की तो पता चला कि मालती की मौत हो चुकी है। मौत की सूचना मिलते ही परिजनों में कोहराम मच गया। गुस्साए परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर दु‌र्व्यवस्था व लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। इसकी सूचना मिलते ही अस्पताल प्रशासन के अधिकारियों सहित पुलिस मौके पर पहुंची। अधिकारियों ने दोषियों पर कार्रवाई का आश्वासन देकर परिजनों को शांत कराया। शैलेंद्र मिश्रा ने बताया कि अस्पताल में चारों तरफ दु‌र्व्यवस्था है। ओपीडी में किसी हेल्थ कर्मी ने भी मदद नहीं की।

वर्जन

परिजनों को इमरजेंसी में लाया गया था। जांच के पहले ही मरीज की मौत हो चुकी थी।

- डॉ। एसके यादव, ईएमओ जिला अस्पताल

मामला मेरे संज्ञान में है। यदि स्ट्रेचर नहीं मिला है तो गलत है। परिजनों की शिकायत पर मामले की जांच कराई जाएगी। जांच के दौरान जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

- डॉ। राज कुमार गुप्ता, एसआईसी जिला अस्पताल