औघड़नाथ मंदिर में अभी तक सिर्फ दो ज्योतिर्लिग के प्रतिरूप लगाने का कार्य हो सका पूर्ण

कांवड़ यात्रा के चलते रोका जाएगा कार्य

Meerut । शहर के प्राचीन और ऐतिहासिक औघड़नाथ मंदिर में बाबा भोलेनाथ के 12 ज्योतिर्लिग के दर्शन अब सावन में नहीं बल्कि सावन के बाद हो सकेंगे। मंदिर के मुख्य पुजारी श्रीधर त्रिपाठी ने बताया कि मंदिर को भव्य बनाने के लिए जयपुर के सफेद पत्थरों पर 12 ज्योतिर्लिग का प्रतिरूप लगाने का काम चल रहा है। जिसके तहत अभी मंदिर में सिर्फ त्रयंबकेश्वर और केदारनाथ ज्योतिर्लिग के प्रतिरूपों को लगाने का काम चल रहा है।

जयपुर से आए पत्थर

मुख्य पुजारी श्रीधर त्रिपाठी ने बताया कि जयपुर से आए सफेद पत्थरों पर 12 ज्योतिर्लिग के प्रतिरूप लगाए जाएंगे। कांवड के दौरान कार्य रोका जाएगा और सावन के बाद शेष बचे 10 ज्योतिर्लिग लगाने का काम पूरा कर लिया जाएगा।

हो रही देरी

हालांकि, मंदिर प्रशासन का दावा था कि सावन के पहले ही भक्त 12 ज्योतिर्लिग के दर्शन कर सकेंगे, लेकिन अब मंदिर प्रशासन का कहना है कि सावन के बाद ही भक्त औघड़नाथ मंदिर में सभी 12 ज्योतिर्लिग के दर्शन कर सकेंगे।