- 61 लाख रुपये के कार्याें को फाइल में दर्शाया गया

- 80 लाख रुपये की धनराशि का अधिकारियों ने बनाया बिल

- 29 लाख के हेरफेर का मामला जलकल विभाग में आया सामने

Meerut । नगर निगम के जलकल विभाग में कर्मचारियों की एक और कारस्तानी सामने आई है। कर्मचारियों ने मिलीभगत से तकरीबन 29 लाख रुपये का हेरफेर कर डाला। गौरतलब है कि नगर निगम ने इस साल हैंडपंप, सबमर्सिबल आदि की मरम्मत के लिए सामान मंगाया था। कर्मचारियों ने सामान मंगाने और मरम्मत की धनराशि में ही गोलमाल किया। अब पेमेंट के लिए जब फाइल अकाउंट विभाग में आई तो मामला सामने आया। मामला सामने आने पर जलकल विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की हवाईयां उड़ी हुई हैं।

61 लाख की पर्ची और बिल 80 का

जलकल विभाग ने पेमेंट के लिए अकाउंट विभाग में फाइल भेजी थी। लेखाधिकारी ने जब फाइल को देखा तो उसमें 61 लाख रुपये की सामान और मरम्मत की पर्चियां थी। जबकि बिल 80 लाख रुपये था। अकाउंट विभाग ने इस पर आपत्ति उठाते हुए पेमेंट रोक दिया है।

एक माह का दिया समय

लेखा विभाग जलकल विभाग से एक माह से 29 लाख रुपये की पर्ची मांगी है। लेकिन जलकल विभाग हिसाब देने को तैयार नहीं है। लेखा विभाग ने भी पर्ची न देने पर पेमेंट न करने का आदेश जारी किया है।

पहले से चल रहा है घपला

दरअसल, नगर निगम में बीते छह माह में सख्ती के बाद कई मामले खुल रहे हैं। नगर आयुक्त ने बिना फोटो और बिना बिल के किसी प्रकार का पेमेंट करने पर रोक लगा दी है। लिहाजा लेखाधिकारी भी पेमेंट के लिए आने वाली फाइलों की बारीकी से जांच कर पेमेंट कर रहे हैं।

मामला संज्ञान में आया है। जब तक 29 लाख रुपये की पर्ची नहीं दी जाएगी तब तक पेमेंट नहीं किया जाएगा। 29 लाख रुपये के काम के फोटो भी नहीं है। इस प्रकार की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यदि पर्ची नहीं देंगे तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई होगी।

मनोज कुमार चौहान, नगर आयुक्त