कहीं यह खतरे की घंटी तो नहीं !
साइकोलॉजिस्ट्स के मुताबिक यह खतरे की घंटी है। कॅरियर के लिहाज से अनइम्प्लायड होना नुकसानदेह हो सकता है पर लंबी लाइफ के लिए ये प्राइवेट सेक्टर में जॉब करने से बेहतर है। 2012 के दौरान सिटी में हुए सुसाइड के आंकड़े इस बात को पुख्ता करते हैं। 2012 के दौरान में सिटी में सुसाइड करने वालों में अनइम्प्लायड लोगों की संख्या जहां चार थी, वहीं प्राइवेट सर्विस करने वाले लोगों की संख्या थी 40. इनमें चार महिलाएं भी शामिल थीं। कंट्री लेवल पर भी कुछ इसी तरह का फिगर दिखाई देता है। नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) 2012 के दौरान पूरी कंट्री में प्राइवेट सर्विस करने वालों में सुसाइड करने वालों की संख्या 11,273 थी, जबकि अनइम्प्लायड के सुसाइड करने वालों की संख्या 8,927 थी।

Stress है वजह
प्राइवेट सर्विस करने वाले लोगो में सुसाइड की इस बढ़ी टेंडेंसी के लिए साइकोलॉजिस्ट स्ट्रेस के बढ़ते लेवल को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। एमजीएम हॉस्पिटल के साइकोलॉजिस्ट डॉ दीपक गिरि ने बताया कि प्राइवेट जॉब में अक्सर स्ट्रेस का लेवल काफी ज्यादा होता है। उन्होंने बताया कि कई बार इंप्लाइज को एक साथ कई टाइम ओरिएंटेड टास्क को फेस करना पड़ता है। इसमें अक्सर इंप्लाई इतने स्ट्रेस्ड हो जाते हैं कि उसे हैैंडल करना काफी मुश्किल हो जाता है।

होता है उतार-चढ़ाव
इसके अलावा उन्होंने बताया कि प्राइवेट सेक्टर में अक्सर उतार-चढ़ाव को फेस करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि लास्ट इयर आए रिसेशन की वजह से कई लोगों को जॉब गंवानी पड़ी थी। उन्होंने कहा कि उस दौरान उनके पास सिटी और आदित्यपुर इंडस्ट्रियल एरिया में जॉब करने वाले कई लोग ऐसे आए थे, जो जॉब पर आए खतरे की वजह से स्ट्रेस में थे।

लंबे working hours भी हैं जिम्मेदार
साइकोलॉजिस्ट्स के मुताबिक प्राइवेट सर्विस में लंबे वर्किंग आवर्स और छुïट्टी ना मिलने की समस्या को भी बढ़ते स्ट्रेस और सुसाइड की वजह बता रहे हैं। उन्होंने बताया कि अक्सर प्राइवेट सर्विस करने वाले लोगों को 12 से लेकर 14 घंटे तक काम करना पड़ता है, साथ ही छुïिट्टयों को लेकर भी काफी परेशानी होती है। अपने नौकरी के प्रेशर में कई बार तो लोग अपनी फैमिली और सोसायटी से कट ऑफ हो जाते हैं, जो स्ट्रेस की एक बड़ी वजह बनता है। उन्होंने बताया कि इससे बचने का एकमात्र तरीका है कि इम्प्लायर अपने कर्मचारियों की प्रॉब्लम्स को कंसिडर करे साथ ही इम्प्लाइज भी खुद को रिलैक्स करने की कोशिश करे।

प्राइवेट सर्विस में अक्सर वर्क स्ट्रेस काफी ज्यादा होता है। इसे हैंडल करना कई बार इम्प्लाइज के लिए बहुत मुश्किल हो जाता है। इतना ही नहींलांग वर्किंग आवर्स भी स्ट्रेस की एक बड़ी वजह है।
-डॉ दीपक गिरि,  साइकोलॉजिस्ट एमजीएम हॉस्पिटल

Report by: abhijit.pandey@inext.co.in