पार्षदी के चुनाव में हो रही जबर्दस्त राजनीति

- हालात संभालने को हर वार्ड में नियुक्त किए पर्यवेक्षक

Meerut । भाजपा के लिए इस बार निकाय चुनाव की राह आसान नहीं होगी। भाजपा ने अधिकांश पार्षदों के टिकट काटकर नए प्रत्याशियों पर दांव खेला है। जिसके कारण बागियों ने कमल के लिए कांटे बिछाने की तैयारी शुरू कर दी है। बागियों ने अपना नामांकन पर्चा भर निर्दलीय उम्मीदवार बन भाजपा के खिलाफ ताल ठोंक दी है।

मान-मनौव्वल

बीजेपी के पदाधिकारियों को बागियों को मनाने में पसीने छूट रहे हैं। यह हाल तब है जब भाजपा ने बागियों को मनाने के लिए हर वार्ड में एक पर्यवेक्षक को नियुक्त किया था। गौरतलब है कि पिछली बार भी भाजपा की राह में बागियों ने कांटे बिछाने का काम किया था। जिसका नतीजा यह हुआ है भाजपा ने 60 वार्डो में चुनाव लड़ा जिसमें से केवल 28 उम्मीदवार ही जीतकर आए। जबकि 14 बागी उम्मीदवार जीते। चुनाव के बाद दोबारा से भाजपा में शामिल हो गए।

अपने ही नियम नहीं माना

भाजपा अपने ही नियम पर पलट गई। भाजपा के संगठन महामंत्री सुनील बंसल ने बीते माह कार्यकर्ता सम्मेलन में कहा था कि जो वार्ड अनारक्षित हैं, वहां से किसी आरक्षित को टिकट नहीं मिलेगा। बावजूद इसके भाजपा ने 8 अनारक्षित वार्डो में आरक्षित उम्मीदवार को टिकट दे दिया। इसको लेकर भी भाजपा के बागियों में काफी नाराजगी है।

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यह हैं बागी उम्मीदवार

बागी उम्मीदवारों में सबसे मुख्य नाम निगम में रविंद्र तेवतिया, सेंसरपाल, सुनील दत्त सैनी, ठाकुर नीरज सिंह, संजय गुप्ता, दीपक शर्मा, मनोज गोस्वामी, अजित सहित सैंकड़ों उम्मीदवारों ने बागी होकर ताल ठोंक दी है।