एमएनएनआईटी में दो दिवसीय वर्कशाप का शुभारम्भ

ALLAHABAD: मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनएनआईटी) के सेमीनार हाल में अप्लाइड मैकेनिक्स डिपार्टमेंट तथा सिविल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट की ओर से सैटरडे को 'राष्ट्रीय परिपे्रक्ष्य में समावेशी तकनीकी शिक्षा में चुनौतियां एवं समाधान' विषय पर दो दिवसीय वर्कशाप का शुभारम्भ हुआ। प्रोग्राम के चीफ गेस्ट रेलवे बोर्ड भारत सरकार नई दिल्ली के भूतपूर्व अध्यक्ष जीके खरे ने संस्थान के कार्यवाहक निदेशक प्रो। एसके दुग्गल को कार्यक्रम के आयोजन के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में बढ़ती विसंगतियों के समाधान से सम्बन्धित कार्यक्रम आयोजित करने का श्रेय एमएनएनआईटी इलाहाबाद को मिला है।

जनशक्ति की काफी कमी है

उन्होंने कहा कि हमारे देश में गुणवत्तापूर्ण तकनीकी में जनशक्ति की आवश्यकता के हिसाब से काफी कमी है। इसलिए तकनीकी शिक्षा की भूमिका देश के आर्थिक, सामाजिक एवं बौद्धिक विकास में अत्यधिक महत्वपूर्ण हो जाती है। वर्कशाप के स्पेशल गेस्ट राष्ट्रीय शिक्षा नीति से आये अतुल कोठारी ने तकनीकी शिक्षा के विकास में हिन्दी भाषा के महत्व एवं उपयोगिता के बारे में विस्तार से बताया। अमेरिका से आई प्रो। गुंजन अग्रवाल ने तकनीकी शिक्षा के विकास में आने वाली समस्याओं के बारे में चर्चा की।

विकासशील देशों के लिए भी जरूरी

प्रयुक्त यांत्रिकी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ। रवि प्रकाश ने बताया कि देश का विकास उसकी तकनीकी शिक्षा के विकास पर निर्भर करता है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक राष्ट्र का विकास उसकी अपनी तकनीकी शिक्षा व्यवस्था की गुणवत्ता पर निर्भर करता है। यह विकासशील और अविकसित देशों के लिए और भी प्रासंगिक है। संयोजक डॉ। एलके मिश्रा ने कहा कि हमारे देश की तकनीकी शिक्षा बहुस्तरीय है। स्नातक डिग्री कार्यक्रम को मूर्तरूप देने वाली संस्थायें विभिन्न श्रेणी में कार्यरत हैं। सामान्यत: इन संस्थाओं में गुणवत्ता के आधार पर काफी अन्तर है। अत: तकनीकी शिक्षा के विकास के लिए इन अन्तरों को दूर करना पड़ेगा। कार्यक्रम समन्वयक डॉ। आरपी तिवारी ने धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में डॉ। रमेश पांडेय, डॉ। आरसी वैश्य, डॉ। आरपी सिंह आदि प्रतिभागी शामिल रहे।