बनारस को मॉडल हेल्थ डिस्ट्रिक्ट बनाने की कवायद के तहत केन्द्र से आयी टीम ने आयोजित किया वर्कशॉप

डॉक्टर्स को बताया कि उपलब्ध संसाधनों में ही बनाना है मॉडल हेल्थ डिस्ट्रिक्ट

<बनारस को मॉडल हेल्थ डिस्ट्रिक्ट बनाने की कवायद के तहत केन्द्र से आयी टीम ने आयोजित किया वर्कशॉप

डॉक्टर्स को बताया कि उपलब्ध संसाधनों में ही बनाना है मॉडल हेल्थ डिस्ट्रिक्ट

VARANASI: varanasi@inext.co.in

VARANASI: न तो आपको फंड मिलेगा, न तो मैनपावर। न ही कोई इंफ्रास्ट्रक्चर ही उपलब्ध कराया जायेगा। जितने रिसोर्सेज हैं उसी में तय मानक और दिशानिर्देशों के अनुसार काम किया जाए तो आप बनारस को मॉडल हेल्थ डिस्ट्रिक्ट बना सकते हैं। केन्द्र सरकार की इस कवायद के तहत वाराणसी पहुंची टीम ने सीएमओ ऑफिस में हुए वर्कशॉप में हेल्थ डिपार्टमेंट के अधिकारियों को कुछ ऐसी ही बात बतायी। वाराणसी, कन्नौज और सोनभद्र के हेल्थ डिपार्टमेंट के अधिकारियों को अपनी समस्त मेडिकल यूनिट्स को बेहतर बनाने का पाठ पढ़ाया। केन्द्र से आयी टीम में एनएचआरसी के बिहार फेसीलिटेटर डॉ। अजीत सिंह, सीनियर कंसल्टेंट डॉ प्रशांत केएस, डॉ सौम्या और डीजीएम डॉ पंकज शामिल थे।

चार सदस्यीय टीम का नेतृत्व कर रहे एनएचएसआरसी की पब्लिक हेल्थ एडमिनिस्ट्रेशन डिवीजन के हेड व एडवाइजर हिमांशु भूषण ने डॉक्टर्स से कहा कि मैं आपको कोई भी नई बात नहीं बता रहा हूं। सारी बातें आप जानते हैं पर अफसोस इसका इंप्लीमेंटेशन नहीं करते। उन्होंने कहा कि आपको अपने हॉस्पिटल से 'गरीबों का' तमगा हटाने के लिए विशेष प्रयास करने होंगे। कुछ ऐसा करें कि एम्स और पीजीआई की तरह आपके डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में भी अमीर और गरीब दोनों ही तरह के पेशेंट्स आयें। 'सरकारी मुलाजिम' बन कर इस काम को नहीं किया जा सकता है। सफाई जैसी एक बात को लेकर उन्होंने सभी डॉक्टर्स का आड़े हाथों लिया और पूछा आप में से कितने लोग अपनी बेटी और बहू को अपना हॉस्पिटल दिखाने ले गये हैं। पचास से ऊपर की संख्या में बैठे डाक्टर्स में से महज छह ने हामी भरी। डॉ। भूषण ने कहा कि अगर आप अपने हॉस्पिटल में अपनी बहू और बेटी को लाने लायक बना सकें तो समझिये कि आपने एक बहुत बड़ा काम पूरा कर लिया।

क्वॉलिटी को आदत बनाएं

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से आयी टीम ने डॉक्टर्स को सलाह दी कि वे क्वॉलिटी को आदत बनायें। यह सिर्फ एक दिन का काम नहीं है। पेशेंट्स से बेहतर व्यवहार, विनम्रता, समयबद्धता, जवाबदेही जैसी बातों पर अमल कर के ही मॉडल हेल्थ डिस्ट्रिक्ट की संकल्पना को पूरा किया जा सकता है। डॉक्टर्स को ओटी मैनेजमेंट, एचएमआईएस पोर्टल, ओपीडी, पोस्ट ऑपरेटिव वार्ड, सर्जरी वार्ड और हॉस्पिटल की दूसरी तमाम व्यवस्था को कैसे बेहतर बनाया जा सकता है के बारे में बताया। वर्कशॉप में सीएओ डॉ एमपी चौरसिया, एनएचएम परियोजना प्रबंधक बृजेश मिश्रा, डॉ। राजेश प्रसाद मिश्रा, डिप्टी सीएमओ डॉ। एके मौर्या आदि उपस्थित थे।

डोनेशन लेकर करें बेहतर व्यवस्था

केन्द्र से आयी टीम ने डॉक्टर्स ने अपने रिसोर्सेज के इस्तेमाल से पेशेंट्स को बेहतर सर्विस देने की बात कही। कहा कि रोगी कल्याण कोष एक ऐसा कोष है जिसमें आप डोनेशन ले सकते हैं और इसका इस्तेमाल आप पेशेंट्स की बेहतरी के लिए कुछ नया करने के लिए कर सकते हैं।

मानक बताने का है उद्देश्य

एनचएसआरसी के सीनियर कंसल्टेंट डॉ प्रशांत केएस ने बताया कि हमारे यहां आने का मुख्य उद्ेदश्य डिस्ट्रिक्ट के डॉक्टर्स को मॉडल हेल्थ डिस्ट्रिक्ट के जरूरी मानकों और जरूरतों के बारे में बताना है। यह सब चीजें डिस्ट्रिक्ट के हेल्थ यूनिट्स के पास पहले से मौजूद हैं। हम यहां के डॉक्टर्स को बता रहे हैं कि किस तरह से काम करके आप अपने यूनिट को मॉडल बना सकते हैं। उन्होंने बताया हम जिन्हें ट्रेनिंग दे रहे है वे लोग अपने डिस्ट्रिक्ट के दूसरे हेल्थ यूनिट्स को ट्रेंनिंग देंगे। जिससे कि यह मॉडल हेल्थ डिस्ट्रिक्ट की योजना फलीभूत हो सकेगी।