RANCHI : यूपीआई कलेक्ट एप्प के माध्यम से महज पांच मिनट में कैश ट्रांजेक्शन हो सकता है। इस एप्प के माध्यम से भुगतान की प्राप्ति बाद में भी लेने की सुविधा है। कारोबारियों को इससे काफी सहूलियत मिलेगी। बुधवार को कैशलेस ट्रांजेक्शन और जीएसटी रजिस्ट्रेशन पर आयोजित वर्कशॉप में यह जानकारी दी गई। वाणिज्यकर विभाग और आईसीआईसीआई बैंक द्वारा चैंबर भवन में आयोजित इस वर्कशॉप में बैंक पदाधिकारियों ने ऑनलाइन ट्रांजेक्शन व पेमेंट के बारे में डिटेल से बताया। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यवसायी या आम आदमी डेबिट कार्ड से लेन-देन कर सकता है।

15 तक कराना है रजिस्ट्रेशन

वाणिज्यकर विभाग के संयुक्त आयुक्त गोपाल तिवारी ने कहा कि व्यवसायी अपने दुकानों में ऑनलाइन भुगतान प्राप्ति के लिए आवश्यक व्यवस्था बनाएं। उन्होंने बताया कि जीएसटी के लिए रजिस्ट्रेशन शुरु हो चुका है। व्यवसायी जीएसटी पोर्टल पर 15 दिसम्बर रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। इस मौके पर झारखंड चैंबर अध्यक्ष विनय अग्रवाल, सह सचिव आनन्द गोयल, प्रवक्ता प्रवीण जैन छाबड़ा, वाणिज्यकर उप समिति चेयरमैन दीनदयाल वर्णवाल, बैंकिंग उप समिति के चेयरमैन गौतम जैन समेत कई सदस्य मौजूद थे।

स्मार्ट फोन व पीओएस मशीन पर वैट नहीं !

कैसलेश लेन-देन को बढावा देने के लिए 5000 तक के स्मार्ट फ ोन तथा पीओएस मशीन को वैटमुक्त करने पर सरकार विचार कर रही है। वर्कशॉप में यह भी बताया गया कि जीएसटी रजिस्ट्रेशन में किसी तरह की परेशानी होने पर व्यवसायी वाणिज्यकर विभाग से संपर्क कर सकते हैं, जरूरत हो तो चैंबर को भी इसकी जानकारी दें। चैंबर के कहने पर विभाग की ओर से कैंप लगाकर व्यवसायियों का जीएसटी रजिस्ट्रेशन किया जाएगा।

जीएसटी के लिए ऐसे करें रजिस्ट्रेशन

जीएसटी कॉमन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू करने से पहले अपना ई-मेल आईडी प्रूफ , मोबाइल नंबर, बैंक खाता को जरूर रखें। इसके बाद अपने वैट पोर्टल पर आईडी एवं पासवर्ड से लॉग इन करें। ऐसे में एक पॉपअप आएगा जिसमें जीएसटीएन प्रोविजनल आइडी एवं पासवर्ड दिखेगा। सेकेंड फेज में प्रॉविजनल आइडी एवं पासवर्ड से जीएसटीडॉटजीओवीडाटइन पर न्यू यूजर लॉग इन करें, इसके बाद मोबाइल नंबर और ई-मेल आइडी को लॉग इन करें। थर्ड फेज में यूजर आइडी पासवर्ड से लॉग इन करने के बाद इनरॉलमेंट अप्लीकेशन फ ाइल अप करें। इसमें हर टैक्स की जानकारी आपको दिखेगी। बारी-बारी से इसे सेव और कंटिन्यू करते जाएं। इस दौरान जीएसटी में माइग्रेट करते ही सर्विस टैक्स और एक्साइज टैक्स से जुड़ीं सूचना मिलती जाएगी। माइग्रेशन सफ ल होने के डॉक्यूमेंट्स को विभाग में भेजने की कोई जरूरत नहीं है।