तो हो गई प्लांट की शुरुआत

लंबे समय से बंद पड़े प्लांट में फ्राइडे से काम शुरू हो गया। मशीनों की ओवरहॉलिंग और ग्रीसिंग के बाद कंपोस्ट बनाने की प्रोसेस शुरू हो गई। फ्राइडे को करीब 50 टन कूड़ा प्लांट में लाया गया। प्लांट के सेग्रिकेशन सेक्शन के शुरू होने से कूड़े से पॉलीथिन अलग करने के काम में तेजी आई। मेयर और नगर आयुक्त ने दोपहर 1.30 बजे प्लांट के हर हिस्से का दौरा किया।

पॉलीथिन को किया जाएगा रिसाइकिल

कूड़े से अलग की जाने वाली पॉलीथिन गुजरात जाएगी। प्लांट में कंपोस्ट बनाने वाली कार्यदायी एजेंसी के पीआरओ ने यह जानकारी दी। पीआरओ ने बताया कि एजेंसी की एक कंपनी का प्लांट गुजरात में काम कर रहा है, जहां इस पॉलीथिन से बाई प्रोडक्ट्स बनाए जाएंगे। इस पॉलीथिन से बने यह प्रोडक्ट्स रिसाइकिल होने के कारण फिर से यूज किए जा सकेंगे। इससे एनवायरमेंट को कम से कम नुकसान होगा।

फैसले पर हैरानी

अवमानना की नोटिस पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के फैसले पर मेयर और नगर आयुक्त ने नाखुशी जाहिर की है। दोनों ने हैरत जताते हुए प्लांट शुरू किए जाने को सही ठहराया है। थर्सडे को रोक के बावजूद प्लांट चालू राने पर ट्रिब्यूनल ने दोनों को अवमानना का दोषी पाया था। इस पर दोनों को एक-एक दिन की जेल और 80 लाा रुपए का जुर्माना लगाया था। इससे पहले नोटिस पर अपना पक्ष रखने के लिए नगर आयुक्त और मेयर कोर्ट में गैरमौजूद रहे थे। थर्सडे को फैसले वाले दिन दोनों कोर्ट से गायब रहे। इस फैसले से नाखुश मेयर ने सुप्रीम कोर्ट के स्टे के बाद प्लांट शुरू करने को सही ठहराया। वहीं नगर आयुक्त ने लीगल एडवाइस के बाद इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की बात कही।

'प्लांट की काफी जमीन इंवर्टिस यूनिवर्सिटी की सीमा में आ रही है। निगम अपनी जमीन वापस लेने के लिए कार्रवाई करेगा, जिसमें अवैध दीवार गिराई जाएगी। प्लांट की जमीन की जल्द पैमाइश शुरू होगी.'

- डॉ। आईएस तोमर, मेयर