नेशनल रिवर बेसिन अथॉरिटी ने गंगा रिवर फ्रन्ट डेवलपमेंट स्कीम के लिए केडीए को नोडल एजेंसी बनाया है। करीब 300 करोड़ की इस स्कीम के लिए केडीए को दो सप्ताह में डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाकर भेजनी है. 
रिवर फ्रन्ट डेवलपमेंट स्कीम की फिजिबिलिटी स्टडी के लिए वेडनेसडे को वल्र्ड बैैंक की टीम आई। टीम में शामिल में स्टीफानिया आभाकेरली व शरलीन चिचगल ने केडीए, इरीगेशन आदि डिपार्टमेंट के ऑफिसर्स के साथ गंगाबैराज से मैस्कर घाट तक चार स्थानों का इंस्पेक्शन किया। बाद में केडीए में मीटिंग की। इसमें आईआईटी के डॉ। ओमप्रकाश दीक्षित, आशु जैन, विनोद वासुदेव, डा। मुकेश शर्मा आदि मौजूद थे। केडीए वीसी जयश्री भोज ने 2 सप्ताह के भीतर डीपीआर बनाकर भेज दिया गया। हाईपॉवर डेवलपमेंट कमेटी के संयोजक नीरज श्रीवास्तव ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के अन्र्तगत कानपुर साइड घाटों का सौन्दर्यीकरण, 3 चरणों में 7.5 किलोमीटर लंबा पाथवे, घाटों कालाइटिंग, पार्किंग, मनोरंजन के उपाए आदि किए जाने का प्रपोजल है।   
नेशनल रिवर बेसिन अथॉरिटी ने गंगा रिवर फ्रन्ट डेवलपमेंट स्कीम के लिए केडीए को नोडल एजेंसी बनाया है। करीब 300 करोड़ की इस स्कीम के लिए केडीए को दो सप्ताह में डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाकर भेजनी है। रिवर फ्रन्ट डेवलपमेंट स्कीम की फिजिबिलिटी स्टडी के लिए वेडनेसडे को वल्र्ड बैैंक की टीम आई। टीम में शामिल में स्टीफानिया आभाकेरली व शरलीन चिचगल ने केडीए, इरीगेशन आदि डिपार्टमेंट के ऑफिसर्स के साथ गंगाबैराज से मैस्कर घाट तक चार स्थानों का इंस्पेक्शन किया। बाद में केडीए में मीटिंग की। इसमें आईआईटी के डॉ। ओमप्रकाश दीक्षित, आशु जैन, विनोद वासुदेव, डा। मुकेश शर्मा आदि मौजूद थे। केडीए वीसी जयश्री भोज ने 2 सप्ताह के भीतर डीपीआर बनाकर भेज दिया गया। हाईपॉवर डेवलपमेंट कमेटी के संयोजक नीरज श्रीवास्तव ने बताया कि इस प्रोजेक्ट के अन्र्तगत कानपुर साइड घाटों का सौन्दर्यीकरण, 3 चरणों में 7.5 किलोमीटर लंबा पाथवे, घाटों कालाइटिंग, पार्किंग, मनोरंजन के उपाए आदि किए जाने का प्रपोजल है।