शॉक नंबर 1

वर्ल्ड बैंक के प्रेसीडेंट जिम यांग किम पूरी टीम के साथ दोपहर तकरीबन 12 बजे तिलसहरी खुर्द गांव पहुंचे। यहां की सीएचसी और पीएचसी का हाल देखकर उन्हें पहला झटका लगा। चूंकि जिम यांग किम खुद एक डॉक्टर हैं इसलिए उन्हें स्वास्थ्य से संबंधित सभी बारीकियों के बारे में जानकारी थी। गांव में सीएचसी और पीएचसी में मौजूद हेल्थ फैसेलिटी और मेडिसीन के स्टॉक को देखकर हैरान हो गए। उनके सामने सबसे बड़ा शॉकिंग फैक्ट उस वक्त आया जब उन्हें पता चला कि सेंटर्स पर ड्यूटी कर रहे स्टॉफ को कुछ मेडिसिन के बारे में सही इंफर्मेशन तक नहीं है।

शॉक नंबर 2

तिलसहरी खुर्द गांव के बाद वर्ल्ड बैंक के प्रेसीडेंट और पूरा एडमिनिस्ट्रेशन स्टॉफ ग्वालटोली स्थित 12 480 स्लम एरिया पहुंचा। यहां पर अबीर और गुलाल से स्वागत देखकर वर्ल्ड बैंक के ऑफिसर्स के चेहरे पर थोड़ी सी मुस्कान दिखी लेकिन ये मुस्कान ज्यादा देर तक उनके चेहरों पर बनी नहीं रह सकी। क्योंकि बस्ती में उनकी एंट्री के दौरान ही पुलिस ने लोगों के साथ धक्का-मुक्की करना शुरू कर दिया। फोटो खींच रहे मीडिया के लोगों को भी धक्का दिया गया। ये सब देखकर वर्ल्ड बैंक के प्रेसीडेंट उनकी टीम घबरा गई। स्थितियां ऐसी बनने लगी कि पूरी की पूरी टीम विजिट को पूरा किए बिना ही निकलने का मन बनाने लगी। लेकिन एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर्स ने समझा-बुझाकर विजिट को कंटीन्यू करवाया।

शॉक नंबर 3

इतना कुछ होने और देखने के बाद वर्ल्ड बैंक के प्रेसीडेंट जिम यांग किम ने स्लम एरिया में रह रहे लोगों को मिल रही बुनियादी सुविधाओं की हकीकत जानने के लिए फेस टू फेस उनसे बात करना शुरू कर दी। फिर क्या था? उनके सामने यहां रहने वाले लोगों ने दूध का दूध और पानी का पानी कर दिया। लोगों ने बताया कि नगर निगम की वाटर सप्लाई से पानी नहीं मिलता है। राशन की दुकान से राशन नहीं मिलता है। बिजली की समस्या तो जीवन का एक हिस्सा बन चुकी है। ये सच्चाई जब ट्रांसलेटर ने प्रेसीडेंट को इंग्लिश में ट्रांसलेट करके बताई तो उनके माथे पर बल पड़ गए। उन्होंने फौरन एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर्स से इस तरह की स्थिति होने की वजह पूछी। लेकिन ऑफिसर्स के पास उन्हें देने के लिए कोई जवाब नहीं था।

शॉक नंबर 4

वर्ल्ड बैंक के प्रेसीडेंट को चौथा शॉक भी थोड़ी देर बाद लग गया। क्योंकि चंद पलों के दौरान ही वर्ल्ड बैंक की पूरी टीम को स्लम एरिया में रहने वाले लोगों ने घेर लिया। क्योंकि हर किसी को लग रहा था कि आज उनकी समस्या का हल हो जाएगा। लेकिन यहां पर एक बार फिर पुलिस ने जोर-आजमाइश करके पब्लिक को धकेलना शुरू कर दिया। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार वर्ल्ड बैंक के प्रेसीडेंट को यहां पर एक प्रेस कांफ्रेंस करनी थी लेकिन इन हालात को देखते हुए वो सिर्फ एक मिनट की बातचीत के बाद वहां से निकल गए।

शॉक नंबर 5

वर्ल्ड बैंक प्रेसीडेंट जिम यांग किम को पांचवां और सबसे जोरदार झटका उस वक्त लगा, जब वो पतित पावनी गंगा नदी का हाल देखने के लिए पहुंचे। गंगा नदी में ग्वालटोली अहिराना से गिरने वाले नाले की गंदगी को देखकर वो शॉक्ड रह गए। उन्हें गंगा में पॉल्यूशन का जो लेवल बताया गया था, उससे कहीं ज्यादा बुरी स्थिति को देखकर वो बहुत डिस्टर्ब हो गए। गंगा में इस कदर गंदगी बह रही थी, कि प्रेसीडेंट को हाथ धोने के लिए बाहर से पानी मंगवाना पड़ा। लगभग 20 साल पहले इंडो-डच प्लानिंग के तहत नाले से गिरने वाले पानी को फिल्टर करने के लिए बनाई गई मशीनरी पूरी तरह से जंग खा चुकी थी। जिसे देखकर एक बार फिर मेंटीनेंस की बात उठी।

क्या तस्वीर लेकर गए

विश्व बैक के अध्यक्ष क्या तस्वीर लेकर वापस गए होंगे ये सोचने की बात है। तस्वीर राष्ट्रीय नदी की, तस्वीर शहर और शहरियों की, तस्वीर पुलिस की और तस्वीर व्यवस्था की।