कौन था पहला मैच 'फिनिशर'

कानपुर। टी-20 के जमाने में सभी बल्लेबाजों का खेलने का तरीका बदल गया है। क्रिकेट के इस फटाफट फॉर्मेट में बल्लेबाजों ने ज्यादा से ज्यादा रन बनाने के लिए नए-नए शॉट ईजाद कर दिए। इससे सिर्फ टीम को ही फायदा नहीं पहुंचता, बल्िक दर्शकों का भी खूब मनोरंजन होता है। मगर सोचिए टी-20 के आने से पहले बल्लेबाज किस तरह खेलते थे। तब दुनियाभर में चुनिंदा खिलाड़ी ही हुआ करते थे जो अपनी तूफानी बल्लेबाजी के लिए जाने जाते थे, इनमें से एक नाम है ऑस्ट्रेलिया के पूर्व क्रिकेटर माइकल बेवन का। बाएं हाथ के बल्लेबाज बेवन का आज 48वां जन्मदिन है, बेवन को आखिरी समय पर टीम को जीत दिलाने के लिए जाना जाता था। आधुनिक समय में ऐसे खिलाड़ियों को 'फिनिशर' कहते हैं।  

ऐसे बल्लेबाजी करते थे बेवन

माइकल बेवन एक मध्यक्रम के बल्लेबाज थे। उन्होंने ऑस्ट्रेलिया की तरफ से खेलते हुए कई मैच जितवाए हैं। बेवन की खासियत थी बेखौफ बल्लेबाजी। क्रिकेट इतिहास में जहां शुरुआती ओवर में ताबड़तोड़ बैटिंग करने का श्रेय श्रीलंका के सनथ जयसूर्या को जाता है तो अंतिम ओवरों में तूफानी पारी खेलने की शुरुआत बेवन ने की थी। बेवन के आने के बाद ही क्रिकेट जगत को 'फिनिशर' के बारे में पता चला। इसके बाद तो जैसे हर टीम में कोई न कोई फिनिशर जरूर खिलाया जाता था ताकि वो बेवन की तरह अपनी टीम को जीत की दहलीज पर पहुंचा सके। भारतीय क्रिकेट टीम में यह काम महेंद्र सिंह धोनी सालों से करते आए हैं।

ऐसा है बेवन का इंटरनेशनल करियर

माइकल बेवन को वनडे क्रिकेट का सबसे बेहतरीन बल्लेबाज माना जाता था। ऑस्ट्रेलिया की तरफ से उन्होंने 232 वनडे मैच खेले जिसमें उन्होंने 53.58 की औसत से 6912 रन बनाए। इसमें 6 शतक और 46 अर्धशतक शामिल हैं। बेवन सीमित ओवरों के खेल में तो बेहतर थे, मगर टेस्ट में उन्हें ज्यादा खेलने का मौका नहीं मिला। बेवन ने सिर्फ 18 टेस्ट खेले जिसमें उनके नाम 29.07 की औसत से 785 रन बनाए। साल 2004 में बेवन ने अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच खेला था। बाद में वह आईपीएल में किंग्स इलेवन पंजाब के कोच भी रहे।

सोर्स : ईएसपीएन क्रिकइन्फो

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