विश्व कैंसर दिवस पर दिया गया slogan

यूनियन फॉर इंटरनेशनल कैंसर कंट्रोल ने पेश किए चौंकाने वाले आंकड़े

इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन चलाएगा जागरुकता अभियान

ALLAHABAD: कैंसर का खतरा दुनिया के साथ भारत में भी तेजी से बढ़ रहा है। भारत में इसके विस्तार लेने और बड़ी संख्या में इससे होने वाली मौतों के पीछे जागरुकता का अभाव है। मौतों के साथ हर साल सामने आने वाले मरीजों का आंकड़ा अर्थव्यवस्था को भी नुकसान पहुंचा रहा है। जागरुकता से पहले प्राइमरी स्टेज पर ही चिन्हित किया जा सकता है और इस स्थिति में इसका इलाज भी संभव होगा। यह कहना है इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ। आलोक मिश्रा और सचिव त्रिभुवन सिंह का।

इस साल आठ लाख मौत का अनुमान

विश्व कैंसर दिवस की पूर्व संध्या पर दोनों नें यूनियन फॉर इंटरनेशनल कैंसर कंट्रोल का आंकड़ा जारी किया। इसके अनुसार विश्व में कैंसर से इस बार आठ लाख लोगों की जान जा सकती है। इसमें से आधे कामकाजी उम्र के लोग होंगे। कैंसर से रोकथाम के लिए मिलजुल कर काम करने की जरूरत है। इसी के चलते इस साल हम कर सकते हैं, मैं कर सकता हूं स्लोगन दिया गया है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए बड़े पैमाने पर जागरुकता अभियान चलाने की योजना बनाई गई है। इसकी शुरुआत 4 फरवरी से हो जाएगी।

आंकड़े दे रहे खतरे का संकेत

डॉ। मिश्रा ने बताया कि इंडियन कौंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2016 में कैंसर के 14.5 लाख नए रोगी पाए गए हैं। जिनकी संख्या वर्ष 2020 में 17.3 लाख तक पहुंच जाएगी। जबकि भारत में इस गंभीर बीमारी से वर्ष 2016 में 7.39 लाख लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। इसलिए इस वर्ष विश्व कैंसर दिवस का नारा 'हम कर सकते है, मैं कर सकता हूं दिया गया है'। जिसकी जागरूकता फैलाकर लाखों लोगों की जान बचाई जा सकती है। उन्होंने बताया कि विश्व कैंसर दिवस के अवसर पर इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन के सभागार में सुबह 8.30 बजे कैंसर जागरूकता पर गोष्ठी का आयोजन किया गया है। इसके अलावा सोशल मीडिया पर टाकिंग हैंड्स अभियान के अन्तर्गत अपने हाथ में कैंसर रोकथाम के नारे लिखकर शेयर किए जाएंगे।

कैंसर की रोकथाम में सहयोग करके हम देश के लाखों परिवारों को अनाथ होने से बचा सकते हैं। यह देश के विकास व अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए भी जरूरी है।

डॉ। आलोक मिश्रा

अध्यक्ष, एएमए, इलाहाबाद

मैं कर सकता हूं के अन्तर्गत अधिवक्ता रोगी एवं उनके परिवार के सदस्य कैंसर रोकथाम की पहल स्वयं तम्बाकू से तौबा करने के साथ नियमित व्यायाम का संदेश देंगे।

डॉ। त्रिभुवन सिंह

सचिव, एएमए, इलाहाबाद

फैक्ट फाइल

14.5 लाख कैंसर पेशेंट चिन्हित किए गए 2016 में

7.36 लाख लोगों की मौत हुई 2016 में इस बीमारी के चलते

8.80 लाख मौतों का आंकड़ा 2020 तक पहुंच जाने का अनुमान

40 फीसदी केसेज में कैंसर का कारण तंबाकू का सेवन