आहार को लेकर बहस

सोमवार को कल विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की ने रेड मीट और प्रोसेस्ड मीट को लेकर एक रिपोर्ट में तैयार की हैं। जिसमें इस बात का खुलासा हुआ है कि प्रोसेस्ड मीट और रेड मीट खाने से कैंसर की बीमारी अधिक बढेगी। ऐसे में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की इस रिपोर्ट के बाद से मांस आधारित आहार को लेकर बहस शुरू हो गई है। डब्ल्यूएचओ से जुड़े इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (आईएआरसी) का कहना है कि प्रोसेस्ड मीट जैसे हाट डॉग्स और हैम में तंबाकू, डीजल का धुआं व अभ्रक के तत्व पाए गए हैं। एजेंसी का कहना है कि उनके पास प्रोसेस्ड मीट से कैंसर के संबंध होने के पर्याप्त प्रमाण मौजूद हैं। जो कि स्वास्थ्य के लिए बहुत हानिकारक है।

50 ग्राम प्रोसेस्ड मीट

रिपोर्ट के अनुसार एक दिन में 50 ग्राम प्रोसेस्ड मीट खाने से कोलोरेक्टल (आंत) कैंसर का खतरा 18 प्रतिशत बढ़ जाता है। इसके अनुसार रेड मीट खाने से भी कैंसर होने का खतरा रहता है। हालांकि इसके सीमित सुबूत मिले हैं। आईएआरसी के डॉक्टर कुर्ट स्ट्रैफ ने कहा कि किसी व्यक्ति के लिए कोलोरेक्टर कैंसर का खतरा प्रोसेस्ड मीट खाने के चलते कम होता है। पर यह खतरा तब बढ़ जाता है जब आप ज्यादा मांस ज्यादा खाते हैं। इसलिए इस मीट के शौकीन लोग अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखते हुए ही इसका सेवन करें।

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