World Hepatitis Day Today

-एड्स से भी तेजी से फैलता है हेपेटाइटिस का वायरस

- इंडिया में हर साल एक लाख लोग मरते हैं हेपेटाइटिस बी से

PATNA: हेपेटाइटिस एक ऐसी बीमारी है जो कि एड्स से भी ज्यादा तेजी से पेशेंट को अपनी गिरफ्त में ले रहा है। बिहार में इसके 62 लाख पेशेंट हैं। हेपेटाइटिस के कई प्रकार हैं जिसमें हेपेटाइटिस बी सबसे खतरनाक है। हालांकि इसके 90 परर्सेट केसेज क्योर हो जाते है और 10 परसेंट ही क्रोनिक रह जाता है। तारामंडल के आडिटोरियम में इंडियन सोसाइटी ऑफ गेस्ट्रोएंटोलाजी (बिहार-झारखंड ) के सेक्रेटरी डॉ अनंत कुमार सिंह ने बताया कि इसमें से पांच परसेंट में ही सबसे अधिक मौतें होती हैं। अगर ऐसे पेशेंट नियमित रूप से किसी कारण से फालो-अप नहीं करा पाते हैं तो मौत हो जाती हैं। यदि इलाज में लापरवाही हो तो यह लीवर सिरोसिस या लीवर कैंसर बन जाता है। अब हेपेटाइटिस बी के लिए वैक्सीन एवलेबल है। इसकी सहायता से जिसे यह नहीं है उसे आगे भी इससे बचाव संभव होगा।

न भोगें न भागें, बल्कि जागें

इस मौके पर हेपेटाइटिस बी पर बीके अग्रवाल की लिखी पुस्तक का विमोचन किया गया। उन्होंने कहा कि न भोगे, न भागे बल्कि जागे। अगर इस थीम को फॉलो करेंगे तो इससे निश्चित रूप से बचाव संभव है। इससे अवेयर रहना चाहिए। हेपेटाइटिस के बारे में अवेयरनेस की बहुत जरूरत है। इसका वायरस बहुत तेजी से ट्रांसमिट करता है। डॉ अनंत ने अपने प्रजेंटेशन के दौरान बताया कि हर एक हजार में इसके चार से पांच पेसेंट हो सकते हैं। खास बात यह है कि यह जितनी जल्दी बॉडी में इंफेक्ट करता है उतनी तेजी से फैलता है, इसलिए इसकी जांच नियमित रूप से कराना चाहिए। इस टेस्ट का नाम है- आस्ट्रेलियन एंटीजन ब्लड टेस्ट। इसे कराकर अगर समय पर जानकारी मिल जाए तो इसके लिए बेहतर तरीके से बचाव संभव है।

डिप्रेशन और हेपेटाइटिस

डॉ अनंत ने बताया कि डीप्रेशन सिर्फ माइंड ही नहीं लीवर पर भी बुरा असर करता है। आज की जिंदगी हर किसी के लिए भाग दौड़ भरी है। ऐसे में डीप्रेशन से बचना चाहिए। इसके लिए नियमित रूप से योगा करे, साथ ही काम में बहुत अधिक इक्सपेक्टेशन लेकर नहीं चलें। आज के मॉडर्न टाइम में टैटू गुदाना आम है, लेकिन इसके बारे में जान लें कि जो निडिल यूज किया जा रहा है वह पूरी तरह से सेफ हो। इसके लिए निडिल प्रॉपरली स्टेरेलाइज्ड होना चाहिए। इसके अलावा जब कोई बीमारी हो तो डाक्टर पर दवा के साथ इंजेक्शन देने का जोर नहीं दें। क्योंकि इंजेक्शन में हमेशा उसके संक्रमित होने का डर रहता है। अगर कोई बीमारी केवल दवा से ठीक हो सकती है तो सूई नहीं लेना चाहिए।

हाइजिन और हेपेटाइटिस

यह वायरस से होने वाली बीमारी है। इसका हाइजीन से बहुत गहरा रिश्ता है। हेपेटाइटिस ए और ई जहां गंदे पानी के यूज से फैलता है तो वहीं बी संक्रमित ब्लड, सीमन आदि के होता है। इस कार्यक्रम में डॉ प्रदीप अग्रवाल ने आई नेक्स्ट से बात करते हुए कहा कि रियूज्ड सिरिंज एक बहुत बड़ा खतरा है। इसके टाइप में बी सबसे खतरनाक है जिसमें सबसे रियूज्ड सिरिंज का यूज सबसे खतरनाक है। अन्य स्टेट की तुलना में बिहार में रीयूज्ड सिरिंज से इसका प्रसार के कई मामले देखे गए हैं। जाने-अनजाने यह इतना खतरनाक है कि ऐसे भी केसेज देखे गए हैं जिनके पूरे फैमिली में यह फैल गया है, कारण रीयूज्ड सिरींज है।

- हेपेटाइटिस बी से बचाव के लिए वैक्सीन अवेलेबल है।

-आस्ट्रेलियन एंटीजन ब्लड टेस्ट से इसकी जांच की जा सकती है।

-अगर मां को हेपेटाइटिस बी हो तो उनके नवजात को 7ख् घंटे के भीतर वैक्सीन देना चाहिए।

-तनाव से भी इस बीमारी के इंसीडेंस बढ़े।

-गंदे पानी और रीयूज्ड सिरींज का यूज नहीं।

-अलकोहल से यह और बढ़ता है।

-अनप्रोटेक्टेड सेक्स से बचना चाहिए।