LUCKNOW: पौधों के प्रति दीवानगी में कोई परिवार तक छोड़ दे, सुनने में थोड़ा अजीब लगता है, लेकिन राजधानी में ऐसे ही एक शख्स हैं। आज आपको मिलवाते हैं, जिन्होंने हरियाली बचाने के लिए न सिर्फ परिवार से दूरी बना ली बल्कि शादी तक करने से भी इंकार कर दिया। पौधों के प्रति इनके प्यार का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि आज लोग इन्हें मनीष तिवारी नहीं बल्कि 'पेड़ वाले बाबा' के नाम से जानते हैं।

और बाबा निकल पड़े मिशन पर

गेरुआ वस्त्र धारण करने वाले इन बाबा की जिंदगी का बस एक ही उद्देश्य है प्लांटेशन। पेड़ लगाने के लिए खाली जगह की सूचना मिलते ही इनके चेहरे पर विजयी मुस्कान तैरने लगती है। ऐसा लगता है मानों कोई मुराद पूरी हो गई हो। अपनी साइकिल उठाई और पहुंच गए उस जगह। इतना ही नहीं यह पेड़ लगाने के लिए किसी से कोई शुल्क भी नहीं लेते हैं। पेड़ वाले बाबा बताते हैं कि मैनें अपनी साइकिल को इस तरह से डिजाइन करवा रखा है कि पेड़ के साथ वह प्लांटेशन के लिए जरूरी सभी साजो सामान उसमें रख सकें। पेड़ वाले बाबा लोगों से सवाल करते हैं, जब साइंस भी पेड़ों की महत्ता को महसूस कर रहा है तो लोग प्लांटेशन के प्रति उदासीन क्यों हैं।