कानपुर। आज यानी कि 13 फरवरी को दुनिया भर में वर्ल्ड रेडियो डे मनाया जा रहा है।  यूनेस्को (UNESCO) की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, वर्ल्ड रेडियो डे की शुरुआत 2012 में हुई। 2011 में यूनेस्को की जनरल कॉन्फ्रेंस में तय किया गया कि 13 फरवरी को हर साल ‘वर्ल्ड रेडियो डे’ मनाया जायेगा। संयुक्त राष्ट्र ने इस दिन को वर्ल्ड रेडियो डे के लिए इसलिए चुना क्योंकि 1946 में इसी दिन यूनाइटेड नेशन रेडियो की स्थापन हुई थी। इस दिन को मनाये जाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को रेडियो के प्रति जागरूक करना और इतिहास में रेडियो की भूमिकाओं को याद कराना है। रेडियो अभी भी जनसंचार का ऐसा माध्यम है, जिसे दुनिया में लोग व्यापक रूप से सुनते हैं। यह एक पावरफुल और कम लागत वाला माध्यम है, जिसके जरिये किसी भी बात को दूरदराज के लोगों तक आसानी से पहुंचाया जा सकता है।

world radio day : रेडियो की आवाज ने बना दिया युद्ध के मैदान को शांति का बगीचा,जानें क्यों मनाते हैं वर्ल्ड रेडियो डे

रेडियो ने किया तनाव खत्म

बता दें कि एक समय में इक्वाडोर और पेरू के बीच एक इलाके में काफी तनाव का माहौल रहता था, वहां आये दिन दो गुटों में युद्ध होते थे लेकिन बाद में वह इलाका रेडियो के चलते शान्ति का एक प्रतिक बन गया। दरअसल, ये इलाका साउथ अमेरिका में पहला ट्रांसबॉउंड्री बायोसफेयर रिजर्व बना। यूनेस्को ने सीमा को शांतिपूर्ण बनाने के लिए एक रेडियो प्रोग्राम पॉडकास्ट किया था, जिसमें ऐसी बातें की गईं, जिससे उस इलाके में तनाव को खत्म किया जा सके। आखिरकार, रेडियो पर सुनी गई बातों को दोनों गुटों ने समझा और तनाव खत्म कर दिया। दक्षिण अमेरिका में इक्वाडोर और पेरू के बीच का वह इलाका आज शांति का बगीचा बन गया है और उसका नाम 'बॉसक्यू डी पाज' रखा गया है।

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