-नेपाल में आए भूकंप की लो फ्रीक्वेंसी वेव्स सिटी में भी पहुंची

-गगनचुंबी इमारतों के लिए लो फ्रीक्वेंसी वेव्स ज्यादा खतरनाक

-एपी सेंटर के 200 किमी की रेंज में रोरिंग साउंड भी आती है

KANPUR:

भूकंप से निकलने वाली लो फ्रीक्वेंसी की तरंगे पूरी दुनिया में जाती हैं। अमेरिका के जिओलॉजी डिपार्टमेंट ने इन्हीं तरंगों के जरिए नेपाल के भूकंप का मैग्नीट्यूड बता दिया था। कानपुर शहर में लो फ्रीक्वेंसी की तरंगे आई थीं। यह तरंगे गगनचुंबी इमारतों के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक होती हैं। नेपाल में आए भूकंप की लो फ्रीक्वेंसी वाली तरंगे ही सिटी की हाईराइज बिल्डिंग्स को हिला गईं। यह जानकारी आईआईटी कानपुर के सिविल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के एक्सपर्ट प्रो। जावेद मलिक ने दी।

वार्निग बेल होता है रोरिंग साउंड

भूकंप पर रिसर्च कर रहे अर्थक्वैक जिओलॉजिस्ट प्रो। जावेद मलिक ने बताया कि एपीसेंटर के करीब ख्00 किमी की रेंज मे भूकंप आने के पहले रोरिंग साउंड सुनाई देती है। जिसके कुछ सेकेंड के बाद ही तेज झटके आते हैं। रोरिंग साउंड एक तरह से वार्निग बेल होती है, लेकिन इसमें ज्यादा संभलने का मौका नहीं मिलता है। रोरिंग साउंड एस वेव से चलती हैं। इसकी स्पीड फ्.भ् किमी प्रति घंटा होती है।

मोटी दीवारें सह लेती हैं झटका

प्रो। मलिक का कहना है कि पुरानी इमारतें जोर का झटका इसलिए सह जाती हैं क्योंकि उनका बेस मजबूत होता है। अब 9 इंची ईंट की दीवार का दौर चला गया है, लेकिन जिस मकान की दीवार 9 इंच मोटी है, वह जोर के झटके सह लेगी। यही वजह है कि लालइमली, सेन्ट्रल स्टेशन, एचबीटीआई, केईएम हाल फूलबाग भूकंप के झटकों के बाद भी मजबूती से खड़ा है, लेकिन इनके मेंटीनेंस पर फोकस किए जाने की जरूरत है।

जानवरों को पी वेव से मिलता है इंडीकेशन

भूकंप आने के पहले कुछ जानवर रिएक्ट करने लग जाते हैं। जिसमें कुत्ता या बिल्ली का अचानक रोना शामिल है। इन्हें भूकंप के पहले की पी वेव से इंडीकेशन मिल जाते हैं। यह वेव म्.भ् किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलती हैं। इनकी फ्रीक्वेंसी .भ् से ख्0 हटर््ज होती है।

नेपाल जाकर एनालिसिस करेंगे एक्सप‌र्ट्स

नेपाल में आए भूकंप का एनालिसिस करने के लिए सेन्ट्रल गवर्नमेंट की अर्थ साइंस मिनिस्ट्री की तरफ से एक 8 सदस्यीय एक्सपर्ट पैनल फ्0 अप्रैल को नेपाल भेजा रहा है। नेपाल में 7 दिन के प्रवास पर जा रहे इस डेलीगेशन में आईआईटी कानपुर के अर्थक्वैक जिओलॉजिस्ट प्रो। जावेद मलिक, जिओलॉजिस्ट प्रभाष पांडेय और एनजीआरआई के विनीत शामिल हैं। यह एक्सपर्ट अपनी रिपोर्ट वापस आकर मंत्रालय को सौंपेगे।