व‌र्ल्ड एड्स डे स्पेशल

- मिसिंग एचआईवी पेशेंट्स को ढूंढना है मुश्किल काम

- जागरुकता की कमी चलते लोग हो रहे जानलेवा रोग के शिकार

ALLAHABAD: एड्स जानलेवा रोग है। एक बार इसकी चपेट में आने के बाद न केवल प्रशासन बल्कि मरीज की भी जिम्मेदारी बनती है कि इलाज कराए ताकि उसकी लगातार मॉनीटरिंग होती रहे। क्योंकि, जरा सी लापरवाही बरतने से यह रोग पलक झपकते ही दूसरों को अपना शिकार बना लेता है। इलाहाबाद में भी एचआईवी के ऐसे सैकड़ों मरीज हैं जो मिसिंग चल रहे हैं। इनकी तलाश जारी है। फिलहाल लाख कोशिशों के बावजूद एचआईवी मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है।

इन्होंने दिए थे फेक एड्रेस

जांच में एचआईवी पॉजिटिव पाए जाने के बाद जिले के ख्ब्फ् पेशेंट मिसिंग चल रहे हैं। यह स्वास्थ्य विभाग के लिए किसी सिरदर्द से कम नहीं है। इनका पता लगाने की लगातार कोशिशें की जा रही हैं। इन्होंने अपना एड्रेस सहित बाकी दूसरी जानकारियां भी फर्जी दी हैं, जिसकी वजह से इनको खोज पाना मुश्किल साबित हो रहा है। अधिकारियों का कहना है कि इन मरीजों की लापरवाही दूसरों के लिए ही नहीं बल्कि उनके खुद के लिए जानलेवा साबित हो सकती है।

पांच महीने में बढ़ गए म्ख्भ् पेशेंट

एचआईवी-एड्स को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है। बावजूद इसके मरीजों की संख्या घटने का नाम नहीं ले रही हैं। आंकड़ों पर जाएं तो अप्रैल ख्0क्ब् से लेकर अक्टूबर तक म्ख्भ् नए पेशेंट बढ़ गए हैं। इनमें से क्7 गर्भवती महिलाएं हैं। इसके उलट अप्रैल ख्0क्फ् से लेकर मार्च ख्0क्ब् के बीच कुल 9ख्7 नए एचआईवी पेशेंट सामने आए थे। इनमें ख्फ् गर्भवती महिलाएं थीं। इस लिहाज से वर्तमान वित्तीय वर्ष में एचआईवी के मरीजों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है।

एआरटी में दर्ज हैं 7ख्ब्भ् मरीज

एसआरएन हॉस्पिटल स्थित एआरटी सेंटर में इलाहाबाद और उसके पास के जिलों के कुल 7ख्ब्भ् एचआईवी मरीज दर्ज हैं। हालांकि, जिले में एचआईवी मरीजों की संख्या फ्000 है। जानकारी के मुताबिक इस सेंटर से दवा लेने वाले मरीजों की संख्या ब्क्98 है। बाकी दूसरे सेंटर्स से दवाएं ले रहे हैं, जो मिसिंग हैं उनकी तलाश की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि जांच के बाद एचआईवी पॉजिटिव पाए जाने पर मरीज की काउंसिलिंग की जाती है। उसे दवाएं लेने के लिए प्रेरित कर एआरटी सेंटर भेजा जाता है।

भेदभाव खत्म करने की अनोखी पहल

सैको यानी स्टेट एड्स कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन ने एचआईवी मरीजों के साथ होने वाले भेदभाव पर लगाम लगाने की अनोखी पहल शुरू की है। इसके तहत सभी सरकारी विभागों को अपने यहां से नोडल अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिए गए हैं। दस नवंबर को डीएम भवनाथ सिंह की अध्यक्षता में होने वाली वर्कशॉप के दौरान सभी को एचआईवी से जुड़े पहलुओं की जानकारी दी जाएगी। उनको बताया जाएगा यह बीमारी छुआछूत से नहीं फैलती है। ताकि, अगर समाज में कोई एचआईवी पीडि़त हो तो उसे भेदभाव सामना करना नहीं करना पड़ेगा। बाद में यही नोडल अधिकारी अपने विभागों के लोगों को जागरुक करेंगे।

आज शहर में होंगे कई कार्यक्रम

व‌र्ल्ड एड्स के मौके पर आज शहर में कई कार्यक्रम होंगे। इसके तहत जिला एड्स समन्वय समिति की ओर से सोमवार को सुबह नौ बजे रैली का आयोजन किया जाएगा। जिसको डीएम भवनाथ सिंह हरी झंडी दिखाकर कलेक्ट्रेट परिसर से रवाना करेंगे। रैली म्योहाल चौराहा, सीएमओ ऑफिस, बेली हॉस्पिटल से होकर जिला क्षय रोग कार्यालय पर समाप्त होगी। इसके अलावा फाफामऊ होम्योपैथिक कॉलेज व दांदूपुर कर्मा नर्सिग होम में भी कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

अब तक 799 की मौत

कई बार मिसिंग एचआईवी पेशेंट्स की मौत हो जाती है और इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग को नहीं होती। लोकलाज और भेदभाव के डर से मरीज अपनी पहचान छिपा ले जाते हैं और दवाएं लेने भी हॉस्पिटल नहीं आते। काउंसिलिंग में भी उपस्थिति नहीं होते। यही कारण है कि स्वास्थ्य विभाग को एचआईवी से हो चुकी मौतों की सही जानकारी नहीं है। उपलब्ध आंकड़ों में इलाहाबाद में अब 799 मरीज मर चुके हैं। जबकि, इसलिए में मरने वालों की संख्या इससे ज्यादा है।

इनसे एड्स नहीं फैलता

- हाथ मिलाने, चूमने, साथ रहने, खाने या घूमने से एचआईवी नहीं फैलता है।

इससे फैलता है एड्स

- असुरक्षित यौन संबंध

- संक्रमित सीरिंज के उपयोग से करने से

- संक्रमित ब्लड चढ़वाने से

फैक्ट फाइल

एसआरएन हॉस्पिटल एआरटी सेंटर में रजिस्टर्ड एचआईवी मरीज- 7ख्ब्भ्

सेंटर से दवाएं लेने वाले मरीज- ब्क्98

अप्रैल ख्0क्फ् से मार्च ख्0क्ब् के बीच सामने आए नए मरीज- 9भ्0

अप्रेल ख्0क्ब् से अक्टूबर तक सामने आए नए मरीज- म्ख्भ्

मिसिंग मरीजों की संख्या- ख्ब्फ्

एड्स के प्रति लोगों में तेजी से जागरूकता फैलाई जा रही है। लोगों को मरीजों के साथ सहानुभूति का व्यवहार करना चाहिए। भेदभाव पर लगाम लगाने की कोशिशें जारी हैं। मिसिंग पेशेंट्स को सर्च किया जा रहा है।

डॉ। पदमाकर सिंह, सीएमओ, स्वास्थ्य विभाग