- नापतौल विभाग ने वसूला 40 हजार का कंपाउंडिंग शुल्क
- मशीन अपडेट कर की गई मशीन की हुई रिचेकिंग
मेरठ। बीते शुक्रवार को मेरठ डिपो के डीजल पम्प में घटतौली के साथ उजागर हुए लाखों रुपए के डीजल घोटाले का शनिवार को महज 40 हजार रुपए के जुर्माने के साथ निपटारा कर दिया गया। नापतौल विभाग की टीम ने रोडवेज प्रबंधन से बतौर कम्पाउंडिंग दोनो मशीनों का 20-20 हजार रुपए जुर्माना वसूल कर मशीन को क्लीनचिट दे दी।
छह माह से चल रही थी गड़बड़
नापतौल विभाग के एक्शन के बाद रोडवेज प्रबंधन को अपने डिपो में पिछले छह माह से चल रही इस गड़बड़ी का पता चला तो तुरंत पूरा ठीकरा मशीन पर फोड़ दिया गया। बतौर आरएम आईओसी द्वारा अप्रैेल माह में लगाए गए इस पम्प की मशीन में ही खामी थी जिस कारण से रीडिंग गलत आ रही थी।
खूब चला लाखों का खेल
रोडवेज डिपो में पिछले छह माह से मशीन से डीजल की घटतौली हो रही थी। लेकिन विभाग को इसकी सुध नही रही। ऐसे में करीब 10 लाख रुपए प्रतिमाह के हिसाब से छह माह में 60 लाख से अधिक का डीजल का घोटाला हुआ है। यह डीजल कहां गया इसकी किसी को जानकारी नही है।
कंपाउंडिंग के साथ मशीन में सुधार
रोडवेज ने आनन फानन में आईओसी की मैडको कंपनी के कर्मचारियों को बुला कर मशीन को दुरुस्त करा दिया। मशीन को सही कराने के बाद बकायदा नापतौल विभाग को 20-20 हजार रुपए का जुर्माना देकर मशीन को विभाग द्वारा चेक कराकर मामला निपटा दिया गया।
वर्जन-
रोडवेज विभाग के अनुसार अप्रैल माह में नया पम्प लगाया गया था तभी से मशीन में तकनीकि खामी आ रही थी। फिलहाल मशीन में सुधार के साथ 20-20 हजार रुपए का कंपाउंडिंग शुल्क वसूला गया है। यदि दोबारा इस प्रकार की शिकायत मिली तो विभाग के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।
- आर के विक्रम, नापतौल निरीक्षक