-कोर्ट ने कहा, सिर्फ प्रभावित अधिकारी ही दे सकता है नियुक्ति को चुनौती

LUCKNOW (11 Jan): पुलिस महानिदेशक जावीद अहमद की नियुक्ति के विरुद्ध दायर याचिका को उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने खारिज कर दिया है। सोमवार को न्यायालय ने सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर की ओर से दायर याचिका खारिज करते हुए कहा कि नियुक्ति को मात्र प्रभावित अधिकारी ही चुनौती दे सकता है।

न्यायमूर्ति एसएन शुक्ला और न्यायमूर्ति अशोक पाल सिंह की खंडपीठ ने अपने निर्णय में कहा कि याची ने इस तथ्य से असहमति नहीं जताई है कि जावीद अहमद आइपीएस अधिकारियों की वरिष्ठता सूची में हैं। इसके साथ ही याची ने स्वयं उनके ट्रैक रिकॉर्ड को बेहतर बताया है। याची की आपत्ति वरिष्ठता सूची में से अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को नजरअंदाज करते हुए जावीद अहमद को नियुक्त किए जाने को लेकर है। याची ने कहा है कि जावीद अहमद को प्रदेश के आइपीएस अफसरों में क्रम संख्या 14 पर होने के बाद भी डीजीपी बना दिया गया जो सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रकाश सिंह बनाम भारत सरकार में दिए गए आदेश के विरुद्ध है। वहीं महाधिवक्ता विजय बहादुर सिंह की दलील थी कि डीजीपी की नियुक्ति के बाबत सुप्रीम कोर्ट में दायर एक अवमानना याचिका पर सुनवाई की जा रही है। न्यायालय ने अधिकार पृच्छा का विश्लेषण करते हुए कहा कि वरिष्ठता के अलावा शीर्ष अदालत द्वारा अन्य भी शतर्ें लगाई गई हैं, इसलिए चयन समिति को जावीद अहमद के नाम की संस्तुति करने का अधिकार था। कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि अधिकार पृच्छा के मामले में सिर्फ प्रभावित अधिकारी ही याचिका दायर कर सकता है।