1- मोहम्मद इकाबाल ने अपनी अधिकांश रचनाएँ फारसी में की हैं। सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा यह मशहूर गीत इक़बाल का ही लिखा हुआ है।

एक बैरिस्‍टर जिसने लिखा था 'सारे जहां से अच्‍छा हिंदोस्‍ता हमारा...'

2- कवि, बैरिस्टर और दार्शनिक मोहम्मद इकबाल का जन्म ब्रिटिश भारत में हुआ था। इकबाल के दादा सहज सप्रू हिंदू कश्मीरी पंडित थे जो बाद में सिआलकोट आकर रहने लगे।

एक बैरिस्‍टर जिसने लिखा था 'सारे जहां से अच्‍छा हिंदोस्‍ता हमारा...'

3- फरसी में लिखी इनकी शायरी ईरान और अफ़ग़ानिस्तान में बहुत प्रसिद्ध है। इन्हें इकबाल-ए-लाहौर के नाम से जाना जाता है। इन्होंने इस्लाम के धार्मिक और राजनैतिक दर्शन पर काफी लिखा है।

एक बैरिस्‍टर जिसने लिखा था 'सारे जहां से अच्‍छा हिंदोस्‍ता हमारा...'

4- भारत के विभाजन और पाकिस्तान की स्थापना का विचार सबसे पहले इक़बाल ने ही उठाया था। इन्हें पाकिस्तान में राष्ट्रकवि माना जाता है। 1922 में किंग जॉर्ज पंचम ने उन्हें नाइटहुड की उपाधि दी गई।

एक बैरिस्‍टर जिसने लिखा था 'सारे जहां से अच्‍छा हिंदोस्‍ता हमारा...'

5- उर्दू और फारसी में इनकी शायरी को आधुनिक काल की सर्वश्रेष्ठ शायरी में गिना जाता है। उन्होंने 12000 से ज्यादा अशआर कहे जिनमें से 7000 फारसी में लिखे थे।

एक बैरिस्‍टर जिसने लिखा था 'सारे जहां से अच्‍छा हिंदोस्‍ता हमारा...'

6- बंग-ए-दारा, बल-ए-जिबरिल, जर्ब-ए-कालिम, जैसी रचनाओं से उन्हें खासी शोहरत ही मिली। उन्होंने कहा था मुल्क शायरों के दिलों में पैदा होकर समृद्ध होता है और उसकी मौत सियासतदां के हाथों में होती है।

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