विक्रम सेठ ने कहा, हर किसी को अपने मन मुताबिक संबंध बनाने का अधिकार होना चाहिए

 

जब 'मी एंड माइन' के सेशन में विक्रम सेठ आए, तो माहौल में एक रुमानियत-सी थी। वे राइटर कम और मूडियल किस्म के इन्सान ज्यादा नजर आए। डॉ शेफाली रॉय ने उनसे कई मुद्दों पर बात कीं।

 

अपनी बात

मेरी मां डिसिप्लीन की सख्त थीं, लेकिन मैं बिल्कुल नहीं। मेरी राइटिंग से लगता है कि मैं एक्टिविस्ट हूं, पर ऐसा कुछ नहीं है।

 

कंटेंपररी बात

समलैंगिकता कोई अपराध नहीं : इस बारे में विक्रम ने बेबाक राय रखते हुए कहा कि यह तो इतिहास से लेकर वर्तमान तक दिखाई देता है। यह एक सच है, लेकिन हर किसी को अपने मन मुताबिक संबंध बनाने का अधिकार होना चाहिए। इस बारे में उन्होंने क्क् दिसंबर, ख्0क्फ् के सुप्रीम कोर्ट के फैसले द्वारा दिल्ली हाईकोट के फैसले को खारिज करने की बात भी रखी।

 

साहित्य की बात

मेरे फादर मुझे एक इकोनॉमिस्ट बनाना चाहते थे। मैं इकोनॉमिक्स में पीएचडी कर रहा था, पर बीच में ही छोड़ दिया, क्योंकि मैं ऑबसेस्ट किस्म का आदमी हूं। लिटरेचर मेरी ऑबसेशन थी।

 

जब लिटरेचर से मन भर जाए

कभी-कभी लिखने की इंस्पिरेशन खत्म हो जाती है, तो मैं कैलीग्राफी में जी लगाता हूं। जैसे-चाइनीज और अरेबिक कैलीग्राफी।