नगर निगम के फेसबुक पेज पर पर्यावरण संरक्षण की पोस्ट दे रही गलत संदेश
मैसेज की थीम है 'जानू के घर के आगे पेड़ लगाएं, पानी देने के बहाने जानू को देख आएं'
ALLAHABAD: 'चाकू से पेड़ पर जानू का नाम गोदने से अच्छा है कि, एक पेड़ अपनी जानू के घर के सामने लगाया जाए और रोज पानी देने के बहाने उसे देख भी आएं' ये मैसेज किसी ने मजाक में वाट्सएप या फेसबुक नहीं पोस्ट की, बल्कि ये नगर निगम के फेसबुक पेज पर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दे रहा है। इसे पोस्ट किया एक जिम्मेदार अधिकारी ने अपने वाल पर दूसरे जिम्मेदार अधिकारी ने उसे निगम के पेज पर शेयर कर दिया। हद तो ये कि जब उनसे इसे लेकर सवाल किया गया तो जवाब ऐसा आया जिसकी उम्मीद तो उनसे कतई नहीं थी।
बाप पीटेगा तो कौन बचाएगा
नगर निगम के स्मार्ट सिटी इलाहाबाद के आफिशियल फेसबुक पेज पर मंगलवार सुबह नौ बजे पर्यावरण संरक्षण का ये मैसेज पोस्ट किया गया और इसे बुधवार शाम तक 45 लोगों ने लाइक भी किया। पांच लोगों ने शेयर भी किया।
सवाल पूछा नहीं कि पोस्ट गायब
जब दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की ओर से इस पोस्ट को लेकर नगर निगम अधिकारियों से सवाल किया गया तो कोई जवाब नहीं आया। नगर आयुक्त हरिकेश चौरसिया ने वाट्सएप पर भेजे मैसेज को तत्काल पढ़ा और चुप्पी साध ली। हां, ये जरूर हुआ कि इसके थोड़ी देर बाद पोस्ट को पेज से डिलीट कर दिया गया।
पर्यावरण संरक्षण के नाम पर ये भद्दा मैसेज है। संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
अभिलाषा गुप्ता
निवर्तमान मेयर, नगर निगम इलाहाबाद
नगर निगम के पेज पर ये मैसेज ईव टीजिंग को बढ़ावा देता है। पर्यावरण संरक्षण की लड़की से तुलना गलत है।
मंजू पाठक
सोशल वर्कर
ऐसा मैसेज पोस्ट करना चाहिए, जिससे प्रदूषण पर रोक लगे न कि छेड़खानी जैसी घटना को बल मिले।
चंद्रभूषण सिंह
निवर्तमान पार्षद नगर निगम
ये मैसेज साइबर एक्ट के खिलाफ है। ये लड़कियों का अपमान करने के साथ ईव टीजिंग को बढ़ावा देता है।
प्रियंक पांडेय
युवा अधिवक्ता, हाईकोर्ट
पर्यावरण संरक्षण के नाम पर ऐसा सुझाव कोई भी सामाजिक व्यक्ति कतई बर्दाश्त नहीं कर सकता।
अभय अवस्थी
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता
मोबाइल कॉल, वाट्सएप, मीटिंग और लोगों से मुलाकात में इतना व्यस्त रहता हूं कि फेसबुक पेज ओपेन करने और चेक करने का मौका ही नहीं मिलता। तत्काल चेक करवाता हूं।
संजय कुमार सिंह
अपर नगर आयुक्त
फेसबुक पेज मैं हैंडल करता हूं। पर्यावरण अभियंता राजीव राठी ने मैसेज अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट किया था। पर्यावरण संरक्षण से जुड़ा लगा इस वजह से स्मार्ट सिटी पेज पर पोस्ट कर दिया। मुझे नहीं लगता कि इसमें कुछ गलत है।
मणिशंकर त्रिपाठी, आईटी ऑफिसर