आर्ट्स के स्टूडेंट्स को कॉमर्स का एडमिट कार्ड

पंडित सूर्य नारायण चतुर्वेदी कॉलेज को डीडीयू ने सिर्फ बीए की सीट्स अलॉट की हुई हैं। लेकिन फ्राइडे को जब यहां के एडमिट कार्ड दिए जाने शुरू हुए तो उसमें बीकॉम लिखा हुआ था। कॉलेज मैनेजमेंट को जब इस बात का पता चला तो उसके होश उड़ गए। क्योंकि बीए के स्टूडेंट्स को बीकॉम का पेपर कैसे दिलाया जा सकता है। इसी तरह जीपीएस कॉलेज को साइकोलॉजी और संस्कृत सब्जेक्ट की मान्यता न होने के बाद भी एडमिट कार्ड पर यह सब्जेक्ट मेन्शन हैं। जीपीएस कॉलेज के एडमिट कार्ड लेने आए कॉलेज प्रतिनिधि ने बताया कि बहुत से ऐसे स्टूडेंट्स हैं जिन्होंने मैथ्स और केमेस्ट्री का कॉम्बीनेशन लिया था। लेकिन उनके एडमिट कार्ड पर फिजिक्स और केमेस्ट्री का कॉम्बीनेशन प्रिंट है।

फाइनल इयर में दो की जगह तीन सब्जेक्ट

कॉलेजों को बीए और बीएससी फाइनल इयर के जो एडमिट कार्ड दिए गए हैं उनमें भी भारी गड़बड़ियां हैं। फाइनल इयर में स्टूडेंट के पास दो सब्जेक्ट होते हैं। इन्हीं में उसको तीन-तीन पेपर देने होते हैं। लेकिन डीडीयू ने जो एडमिट कार्ड दिए हैं उनमें दो की जगह 3-3 सब्जेक्ट मेन्शन हैं। डीएवी पीजी कॉलेज के फाइनल इयर स्टूडेंट्स के एडमिट कार्ड्स में भी यही मिस्टेक है। कॉलेज प्रिंसिपल डॉ। विश्वदीपक ने बताया कि यूनिवर्सिटी से बात करके अब वह लोग अपने लेवल पर इसे करेक्ट करेंगे।

मैथ्स के स्टूडेंट्स, बायो का पेपर

शुभी देवी कॉलेज के एडमिट कार्ड्स में भी भारी कमियां सामने आई हैं। कार्ड लेने आए कॉलेज रिप्रेजेंटेटिव को जैसे ही कार्ड मिले वह शॉक्ड हो गया। उसने बताया कि कॉलेज के जिन स्टूडेंट्स ने मैथ्स ग्रुप से पढ़ाई की है उनके एडमिट कार्ड पर बायो ग्रुप लिखा हुआ है। इसी तरह एपीएन कॉलेज में जिन स्टूडेंट्स का 'एÓ और 'डीÓ ग्रुप है उनके एडमिट कार्ड पर 'एÓ और 'बीÓ ग्रुप मेन्शन है। आई नेक्स्ट की पड़ताल में सामने आया कि एडमिट कार्ड से जुड़ी खामियां अधिकतर कॉलेजों में हैं।

अधूरी तैयारी का है नतीजा

यूनिवर्सिटी की ओर से एडमिट कार्ड पर सब्जेक्ट और कॉम्बीनेशन गलत प्रिंट होने का रीजन है जल्दबाजी में एग्जाम की प्रिपरेशन। डीडीयू में एग्जामिनेशन प्रिपरेशन काफी स्लो चल रही थी। कॉलेजों का प्रेशर बढ़ने की वजह से किसी तरह यूनिवर्सिटी ने जल्दबाजी में एडमिट कार्ड तो जारी कर दिए लेकिन इस चक्कर में भारी खामियांं हो गईं।

दो दिन में कैसे होगा सॉल्यूशन

एडमिट कार्ड्स पर सब्जेक्ट सही करने के लिए अब कॉलेजों को अपने स्टूडेंट्स के फॉर्म चेक करने होंगे। उनसे मिलाकर सही सब्जेक्ट के पेपर में स्टूडेंट को बैठाना होगा। जैसे जिन एडमिट कार्ड पर तीन सब्जेक्ट लिखे हैं उनमें से वह सब्जेक्ट काटना होगा जो स्टूडेंट ने ऑप्ट नहीं किया। एग्जाम 1 अप्रैल से शुरू होने हैं। ऐसे में कॉलेजों को अपने लेवल पर भी प्रिपरेशन करनी है। अगर वह सभी एडमिट कार्ड पर करेक्शन करते हैं तो सैटर्डे को एडमिट कार्ड इशू नहीं कर पाएंगे। 31 मार्च को संडे की वजह से कॉलेज बंद हैं और 1 मार्च को पहला पेपर है। ऐसे में कॉलेज कब करेक्शन करेंगे और कब स्टूडेंट्स को एडमिट कार्ड देंगे यह एक बड़ा सवाल है। अगर वह सैटर्डे को करेक्शन कर भी लेते हैं तो संडे को यानी एग्जाम से सिर्फ एक दिन पहले स्टूडेंट्स को डिस्ट्रब्यूट करने के लिए बुलाना होगा। इसके अलावा दूसरा ऑप्शन यह है कि वह गलत एडमिट कार्ड ही डिस्ट्रब्यूट करें और एग्जाम के टाइम पर इस बात का ध्यान दें कि स्टूडेंट अपने एक्चुअल सब्जेक्ट के पेपर में ही एग्जाम दे। दोनों ही कंडीशन में कॉलेजों और स्टूडेंट्स को प्रॉब्लम फेस करनी होगी।

यह मामला संज्ञान में आया है। कॉलेजों को अपने यहां स्टूडेंट्स के फॉर्म और नॉमिनल रोल देखकर एग्जाम कराने होंगे। एडमिट कार्ड पर कोई भी सब्जेक्ट लिखा हो, लेकिन मान्य वही होगा जो स्टूडेंट ने अपने फॉर्म में फिल किया है और नॉमिनल रोल में मेन्शन है। जिस एजेंसी ने एडमिट कार्ड बनाए हैं उससे भी बात की जाएगी।

प्रो। एनएन त्रिपाठी, एग्जामिनेशन कंट्रोलर, डीडीयू

यूनिवर्सिटी ने पहले ही एग्जाम कराने में काफी लेट किया है। इसके बाद अब एडमिट कार्ड में मिस प्रिंटिंग कर हमारी मुसीबत और बढ़ा दी है। 1 अप्रैल से एग्जाम है। हम लोगों के सामने प्रॉब्लम है कि इतने कम टाइम में सभी स्टूडेंट्स के फॉर्म कैसे चेक करें। अगर कहीं कोई मिस्टेक हो गई तो स्टूडेंट का रिजल्ट अटक सकता है।

मानस सिंह, अध्यक्ष, महाविद्यालय प्रबंधक महासंघ

वेरिफिकेशन लेटर भी गलत

एडमिट कार्ड के साथ ही यूनिवर्सिटी की ओर से जो वेरिफिकेशन लेटर दिए गए हैं उन पर भी स्टूडेंट्स के गलत डिटेल प्रिंट हैं। एग्जाम के दौरान कॉलेज इन्हीं वेरिफिकेशन लेटर से स्टूडेंट्स के डिटेल मैच करके उनके साइन कराते हैं। वेरिफिकेशन लेटर पर मिसप्रिंट होने से यह समस्या भी सामने आ सकती है कि स्टूडेंट उस पर तब तक साइन न करे जब तक उसमें करेक्शन न हो.